Uttar Pradesh: सात फीट तक की लंबाई वाली लौकी से लेकर, सामान्य आकार से दोगुनी बड़ी अरबी की फसल पैदा करने के लिए मशहूर रघुपत सिंह की खेती के तरीके बेहद खास हैं। उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से ‘कृषि पंडित’ का सम्मान पा चुके रघुपत सिंह खेती में अच्छी खासी जानकारी रखते हैं। रघुपत सिंह अपनी नवीन और जैविक खेती की तकनीकों से सबको प्रभावित करते हैं।
हाइब्रिड सब्जियों के बढ़ते चलन के बावजूद, रघुपत सिंह को पूरा भरोसा है कि भविष्य में जैविक खेती का ही चलन रहेगा। उनका दावा है कि उनके खेत की सब्जियां पूरी तरह से ऑर्गेनिक हैं। मुरादाबाद के बिलारी के समथल गांव में रहने वाले रघुपत सिंह की जैविक खेती के प्रति लगन ने उन्हें केंद्र और राज्य दोनों सरकारों से कई पुरस्कार दिलाए हैं। रघुपत सिंह के मुताबिक स्थानीय सब्जियों के बीजों का उनका असाधारण संग्रह जैव विविधता के संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण है। इन बीजों का सावधानीपूर्वक पोषण करके, वो दावा करते हैं आने वाली पीढ़ियों को टिकाऊ और जैविक खेती से फायदा होगा।
किसान, रघुपत सिंह ने कहा “जैविक खेती में ये है कि विभिन्न तरह की खेती करके उसका ये देखा जाता है कि मानव सजीव पर इसका क्या प्रभाव पड़ता है, जैविक खेती में मानव के लिए रोग कम लगते हैं शरीर को और अगर आप उसको रसायनिक से करोंगे तो रोग ज्यादा लगते हैं। आज लोग बड़ा-बड़ा कीमती दवाइयां लगा रहे हैं रसायनिक, खाद लगा रहे हैं परंतु आदमी जब खाना खाता है तो पेट में अलग तरह के रोग पैदा होते हैं। इसके खाने से रोग नहीं होंगे। ऑर्गेनिक किस्म ही ज्यादा बढ़ती हैं। हाइब्रिड में तो ज्यादा से ज्यादा वो लौकी एक फीट, डेढ़ फीट से ज्यादा बढ़ती ही नहीं है। ‘कृषि पंडित’ के अलावा मुझे अब तक अवार्ड 32-33 मिले हैं। सबसे पहले ‘कृषि पंडित’ ही था।”