Prayagraj: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के कारण नदियां सूख रही हैं, उन्होंने लोगों से ज्यादा कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन पर दोषारोपण करने के बजाय तत्काल कार्रवाई करने का आग्रह किया।
महाकुंभ में जलवायु परिवर्तन, पर्यावरण और आस्था पर एक सम्मेलन में उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में नदियों को पुनर्जीवित करने के लिए काम किया है, यही वजह है कि कुंभ में इतनी बड़ी भीड़ देखी जा रही है।
उन्होंने कहा, “सीओ2 उत्सर्जन जलवायु परिवर्तन का कारण बन रहा है, जिससे धरती माता की जीवनरेखा नदियां और सूख रही हैं।” उन्होंने कहा कि 10 साल पहले गंगा और यमुना इतनी साफ नहीं थीं, लेकिन उनकी सरकार ने उन्हें फिर से जीवंत करने के लिए काम किया।
आदित्यनाथ ने कहा, “क्योंकि नदी का पानी साफ है और व्यवस्थाएं अच्छी हैं, इसलिए लोग कुंभ में बड़ी संख्या में आ रहे हैं। हर बार, गंगा में 10,000 से 11,000 क्यूसेक पानी छोड़ा जाता है, जिससे मेले का सुचारू संचालन सुनिश्चित किया जा रहा है।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि जलवायु परिवर्तन को कम करने के लिए नरेंद्र मोदी सरकार ने एकल उपयोग वाले प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाया और घरेलू उत्सर्जन को कम करने के लिए 10 करोड़ से ज्यादा मुफ्त एलपीजी कनेक्शन प्रदान किए।
उत्तर प्रदेश सरकार ने पिछले 10 वर्षों में 210 करोड़ पौधे लगाए हैं, जिनमें से 70 से 80 फीसदी जीवित हैं। मुख्यमंत्री ने कहा, डीजल से चलने वाली बसों की तुलना में इलेक्ट्रिक बसों को प्राथमिकता दी गई है और इसके लिए एक नीति बनाई गई है।
इस बार के कुंभ के बारे में संतों का दावा है कि इस आयोजन के दौरान होने वाली खगोलीय घटनाएं हर 144 साल में एक बार होती हैं, जिससे ये और भी शुभ हो जाता है। महाकुंभ नगर दुनिया का सबसे बड़ा अस्थायी शहर है, जिसमें किसी भी समय 50 लाख से एक करोड़ श्रद्धालु आ सकते हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि “इस जलवायु परिवर्तन से बचने के लिए किए जाने वाले प्रयास में हम सब कहां भागीदार हैं इसके बारे में चिंतन में सहभागी बनना और उसको अपने व्यवहारिक जीवन में उतारने में कितना भागीदार बन पा रहा है उसे सचमुच में महाकुंभ के संदेश का हिस्सा बनना चाहिए। हम सब आए हैं यहां पर त्रिवेणी के संगम में स्नान करने के लिए आप याद करिए आज से 10 साल पहले क्या गंगा और क्या यमुना नदी इस प्रकार से अविरल बह रही थी।”