PM Modi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस में बातचीत की, ट्रंप के साथ बातचीत से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जिस तरह राष्ट्रपति ट्रंप के लिए देश सर्वोपरि है उसी तरह से उनके लिए भी भारत के हित सर्वोपरि हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत सबसे बड़ा लोकतंत्र है तो अमेरिका सबसे पुराना लोकतंत्र हैं ऐसे में उनका और राष्ट्रपति ट्रंप का मिलना वन प्लस वन नहीं बल्कि 11 है। पीएम मोदी ने बताया कि गर्मजोशी से मिले राष्ट्रपति ट्रंप ने उन्हें आते ही अहमदाबाद स्टेडियम में हुए नमस्ते ट्रंप कार्यक्रम की याद दिलाई।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत-अमेरिका संबंधों को मजबूत करने में बहुत बड़ा योगदान दिया है। उन्होंने भरोसा जताया कि ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में दोनों नेता मिलकर और ज्यादा तेजी से काम करेंगे।
वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी का अमेरिका आना उनके लिए बड़े सम्मान की बात है, उन्होंने कहा कि पीएम मोदी लंबे समय से उनके अच्छे मित्र हैं, ट्रंप ने कहा प्रधानमंत्री मोदी के साथ वे व्यापार और कई दूसरी चीजों पर बातचीत करने जा रहे हैं।
इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा अमेरिका के सभी व्यापारिक साझेदारों के लिए नई पारस्परिक टैरिफ नीति की घोषणा के कुछ ही घंटों बाद, अपने ओवल कार्यालय में ट्रंप ने महत्वपूर्ण बातचीत के लिए बैठने से पहले गर्मजोशी से गले मिलकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वागत किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि “आपको यहां पर एक बार फिर देखकर और आपसे मिलकर बहुत प्रसन्नता हो रही है। मैं आपको इस भव्य विजय के लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं। न सिर्फ मेरी ओर से बल्कि 140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से मैं आपको बहुत-बहुत बधाई देता हूं। ये न केवल सुखद संयोग है कि भारत की जनता ने 60 साल के बाद किसी प्रधानमंत्री को लगातार तीसरी बार सेवा का अवसर दिया है।”
“मेरे लिए खुशी की बात है कि मेरे इस कार्यकाल में मुझे फिर एक बार राष्ट्रपति ट्रंप के साथ कार्य करने का अवसर मिला है। मैं कह सकता हूं कि राष्ट्रपति ट्रंप के पहले चार वर्ष का मेरा जो अनुभव था, जो गर्मजोशी थी, जो उत्साह था, जो विश्वास था, वही गर्मजोशी, वही उत्साह, वही विश्वास के साथ हम फिर एक बार साथ मिलकर आगे बढ़ेंगे।”
“अमेरिका विश्व का सबसे पुराना लोकतंत्र, भारत विशाल लोकतंत्र और इसलिए हम लोगों के मिलने का मतलब वन प्लस वन टू नहीं एक और एक ग्यारह होता है और ये ग्यारह की शक्ति वो ताकत विश्व के कल्याण के भी काम आएगी।”