Uttarakhand: उत्तराखंड के रामनगर में कोसी नदी में दर्जनों ‘रूडी शेल्डक चिड़ियां’ दिखीं। रूडी शेल्डक चिड़ियों की दुर्लभ किस्मों में शुमार है। नदी में तैरते हुए चमकीले लाल सिर वाले रूडी शेल्डक चिड़ियां दिखीं।
कॉर्बेट नेशनल पार्क के पास कोसी नदी में अक्सर ‘रूडी शेल्डक चिड़ियां’ दिखाईं देती हैं। रामनगर में सर्दियों में विदेशी चिड़ियों की कई किस्में, मसलन मॉलर्ड, ग्रेलेग गीज़, गैडवॉल्स, टील्स, शॉवलर, पोचार्ड डेरा डालती हैं।
शर्मीले स्वभाव के सुर्खाब जिंदगी भर के लिए जोड़े में रहते हैं। ये अपना घोंसला पानी से हटकर चट्टानों की दरारों और पेड़ों पर बनाते हैं, और हल्की सी आहट होने पर उड़ जाते हैं। यह एक जलमुर्गी है जो तालाब, जलाशय और नदियों में रहना पसंद करते है। इन्हें चकवा, चकवी, कोक, नग, लोहित, चक्रवात, केसर आदि नामों से भी जाना जाता है।
पक्षीप्रेमी इन्हें ब्राह्मणी डक व रूडी शेल्डक के नाम से भी जानते हैं। रामचरित मानस में गोस्वामी तुलसीदास ने इनका वर्णन किया है। यह पक्षी सेंट्रल एशिया, सिक्किम और लद्दाख से यहां शीतकालीन प्रवास पर आते हैं और मार्च अंतिम या अप्रैल आरंभ में वापस अपने इलाकों को लौट जाते हैं। इस सीजन में इन पक्षियों के यहां पहुंचने से पर्यावरण प्रेमी गदगद हैं।
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