Union Budget: उत्तर प्रदेश का अलीगढ़ ताला और हार्वेयर उद्योग का केंद्र है। इन उद्योगों के कारोबारी व्यापार की मजबूती के लिए आने वाले बजट में अहम उपाय चाहते हैं, उद्योग से जुड़े लोगों की प्रमुख मांगों में जीएसटी, आयात शुल्क और ताले बनाने के कच्चे माल की लागत में कमी शामिल हैं।
उद्योग से जुड़े लोगों का कहना है कि आयात शुल्क में कटौती से देश में बने उत्पादों की बिक्री को बढ़ावा मिलेगा। उनका कहना है कि चीन जैसे देशों से आयातित उत्पादों की गुणवत्ता कम होती है। फिर भी कम कीमत होने की वजह से उनका बड़ा बाजार है।
उद्योग ने ताला बनाने के कच्चे माल की लागत भी कम करने की मांग की है, ताला बनाने वाली फैक्ट्रियों में काम करने वालों का कहना है कि कम लागत से कच्चा माल मिलने पर बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को संसद में बजट पेश करेंगी।
ताला व्यापारी संजय अग्रवाल ने कहा कि “जैसे हम सोचते हैं कि जीएसटी स्लैब बदलना चाहिए हमारा, जिससे हम रिजनेबल रेट पर ग्राहकों को माल बेचें और इंडियन माल स्यादा से ज्यादा बिके। सरकार जीएसटी स्लैब के ऊपर ध्यान देगी।”
फैक्ट्री प्रोडक्शन मैनेजर पवन कुमार “बजट से यही है कि 18 परसेंट की बजाय नौ परसेंट जीएसटी हो तो कारोबार बढ़े और कोरोना काल से बेरोजगारी बहुत बढ़ गई है, धंधे पर बहुत फर्क पड़ा है। इसमें तो मैं जीएसटी में ही नौ परसेंट की उम्मीद करूंगा, इससे धंधे बढ़ेंगे तो रोजगार बढ़ेगा, रोजगार बढ़ेगा तो श्रमिकों को फायदा होगा। यही उम्मीद कर रहे हैं सरकार से।”
फैक्ट्री कर्मचारियों का कहना है कि “सर यही उम्मीद कर रहे हैं कि एक तो जीएसटी कम हो। जीएसटी की वजह से एक तो काम बहुत कम हो गया सर। नौ परसेंट होना चाहिए, 18 परसेंट है सर। बजट से उम्मीद है कि जीएसटी कम हो। बजट व्यापार के हिसाब से आएगा तो देश भी आगे बढ़ेगा। चाइना से जितना आयात होता है, उस पर आयात शुल्क दोगुना या तीन गुना कर देना चाहिए, जिससे इंडिया के कारोबारियों को ज्यादा बनाने का मौका मिले।”
“अभी क्या है न सर बहुत सा माल चाइना से आ जाता है। हमारे यहां जो आइटम महंगा पड़ रहा है तो वहां पर सस्ता पढ़ जा रहा है। बेशक क्वालिटी हमारी अच्छी है, लेकिन आज के जमाने में आदमी सस्ते के पीछे भागता है।”