Union Budget: जम्मू कश्मीर के डोडा में लैवेंडर किसानों को सरकार से काफी उम्मीदें

Union Budget: जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले में लैवेंडर किसान गंभीर वित्तीय संकट से जुझ रहे हैंं, दरअसल लैवेंडर तेल की बिक्री में गिरावट की वजह से किसान अपनी फसलों को खुद ही नष्ट करने को मजबूर हैं।

ऐसे में किसान अब एक फरवरी को पेश होने वाले केंद्रीय बजट से आस लगाए बैठे हैं कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण उनकी मदद करेंगी, केंद्र सरकार के अरोमा मिशन और ‘बैंगनी क्रांति’ का केंद्र रहे डोडा ने एक वक्त में लैवेंडर की खेती के ज़रिए इस क्षेत्र को देश भर में पहचान दिलाई थी।

हालांकि लैवेंडर किसानों का कहना है कि घटती मांग और सरकारी सहायता की कमी की वजह से अब इस खेती पर संकट मंडरा रहा है। किसानों की मांग है कि सरकार उन्हें बेहतर बाजार और सब्सिडी उपलब्ध कराए साथ ही बेहतर उपकरण भी दे, ताकि वे संकटों से जूझ रही लैंवेंडर की खेती को फिर से पुनर्जीवित कर सकें।

किसान भरत भूषण ने कहा कि “लैवेंडर के बारे में, जैसे कि हम काफी सालों से लैवेंडर की खेती तो कर रहे हैं। अब हमारे जो किसान हैं वो इस साल का जो केंद्रीय बजट है, उससे काफी उम्मीदें लेकर खड़े हैं, कि इस बार का जो केंद्रीय बजट आएगा तो वो कोई स्पेशल पैकेज लेकर आएगा जिससे हमारे साथ और भी किसान जुड़ेंगे और जो अच्छा मुनाफा कमाएंगे। अभी मैं इतना कहना चाहता हूं कि पिछले दो साल से हमारा जो खेती का काम है वो अभी रुका हुआ है। मतलब अच्छे से नहीं चल पा रहा है और हमें उम्मीदें हैं कि यहां से आगे कुछ नया हो। हमारी यही उम्मीदें हैं।”

“पिछले दो सालों से क्या हुआ है नहीं पता चल पा रहा है हमें, हम खुद परेशान हैं, पांच पांच छह छह कनाल में अपनी पनीरी लगाई हुई है। इस उम्मीद में कि बिकेगी तो कुछ पैसा आएगा। दो दो लाख रुपये लोगों ने इंवेस्ट किया हुआ है, लेकिन आप अब ये देख लीजिए कि इस कंडीशन पर हम लोग पहुंच चुके हैं कि ना ही हमारा जो इंवेस्टमेंट है वो हमें मिल पा रहा है और जो हमारी खेती है उसको कोई खरीद भी नहीं रहा है।”

इसके सटह ही किसान किरण देवी ने बताया कि “हम 10 साल से लैवेंडर की खेती कर रहे हैं तो हमें बहुत ज्यादा फायदा हुआ है हमें मक्के से ज्यादा फायदा हुआ है और हमारे इलाके की जो कंडीशन है वो बहुत अच्छे तरीके से चल रही थी, लेकिन अब दो साल से क्या हुआ है कि जो हमारे पास हमारे जैसे उसकी पनीरी है, या फिर हमने जो लैवेंडर का ऑयल निकाला हुआ है, वो मतलब अच्छे मुनाफे में नहीं बिक रहा है। तो हमें उम्मीद है कि जो आने वाला बजट है हमारा, उसमें हम किसानों का, जो ग्राउंड लेवल पर जुड़े हुए हैं उनका ज्यादा से ज्यादा ध्यान रखा जाए तो हमारे लिए ये अच्छी खबर ही होगी। हम यही उम्मीद करते हैं कि अच्छा बजट हमारे लिए भी होगा किसानों के लिए खास तौर पर लैवेंडर के लिए”

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