Union Budget: मध्य प्रदेश में जबलपुर के भेड़ाघाट की संगमरमर की मूर्तियां दुनिया भर में मशहूर हैं। इन्हें बनाने वाले कारीगरों को उम्मीद है कि केंद्रीय बजट में उनकी आर्थिक हालत और रहन-सहन बेहतर बनाने के उपाय किए जाएंगे। कारीगरों ने बताया कि संगमरमर के पत्थरों को तराशना काफी बारीकी का काम होता है। फिर भी कई लोग दिन में महज 300-400 रुपये ही कमा पाते हैं।
कारीगरों ने सरकार से किफायती दर पर कर्ज देने की मांग की है, जिससे वे अपना हुनर बेहतर बना सकें और आमदनी बढ़ा सकें। कारीगर आर्थिक मदद के अलावा बेहतर स्वास्थ्य सुविधा की भी मांग कर रहे हैं। ये कारीगर लंबे समय तक संगमरमर के पत्थर काटते और तराशते हैं। इस काम में बारीक धूल पैदा होती है, जो सांस के जरिये फेफड़ों में जाती है। इस वजह से उन्हें सांस से जुड़ी कई तरह की बीमारियां होती हैं।
लिहाजा, कारीगरों ने सरकार से अपील की है कि उन्हें बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराई जाए। किफायती दर पर कर्ज और स्वास्थ्य सुविधाओं के अलावा कारीगरों ने सामूहिक रूप से काम करने के लिए खास जगह उपलब्ध कराने की मांग की है। यहां वे अपने शिल्प को निखारने का भी अभ्यास कर सकते हैं। केंद्रीय बजट एक फरवरी को पेश किया जाएगा।