MahaKumbh: प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ को “डिजिटल कुंभ” में बदलने की सरकार की पहल के तहत, मेला क्षेत्र में एक वर्चुअल रियलिटी (वीआर) जोन बनाया गया है, दिव्य ज्योति जागृति संस्थान ने 15 जनवरी को अपने शिविर का उद्घाटन किया, जिसमें वीआर जोन शामिल है। ये शिविर नौ एकड़ में फैला है।
संस्थान की प्रवक्ता ने कहा कि संगम आने वाले तीर्थयात्री वीआर जोन में 3डी और वीएफएक्स तकनीक के माध्यम से महाकुंभ और इससे जुड़ी पौराणिक कहानियों का वर्चुअल अनुभव कर सकते हैं।
दिव्य ज्योति जागृति संस्थान ने खासकर युवाओं में महाकुंभ के प्रति रुचि पैदा करने के इरादे से इस वीआर जोन की स्थापना की है, तीर्थयात्रियों ने वर्चुअल रियलिटी जोन के अपने अनुभव को शानदार बताया। दिव्य ज्योति जागृति संस्थान के शिविर में वीआर जोन के अलावा और भी कई आध्यात्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम हो रहे हैं।
दिव्य ज्योति जागृति संस्थान के प्रवक्ता साध्वी तपेश्वरी भारती ने बताया कि “जो पौराणिक एक इतिहास रहा है हमारा बिग बैंग के समय से जब महाविस्फोट हुआ था। वहां से लेकर आज तक का जो महाकुंभ है इतिहास है और उसका जो प्रैक्टिकल एक्सपीरियंस है महाकुंभ का त्रिवेणी और अंदर त्रिवेणी में होता है। उसको पूरा थ्री डाइमेंशनल 15 मिनट की मूवी दिखा रहे हैं। युवाओं में मैंने देखा है इतना बढ़ चढ़ कर उत्साह है। हजारों-हजारों युवा एक तो त्रिवेणी संगम में वहां स्नान कर कर रहे हैं और उसका अर्थ समझने के लिए पौराणिक इतिहास और आंतरिक महत्व समझने के लिए इस रियालिटी जोन में आ कर देख रहे हैं दिव्य ज्योति जागृति संस्थान के शिविर में।”
इसके साथ ही कहा कि “युवा कुंभ मे आता है तो वो डिसकनेक्टेड फील करता है उसको लगता नहीं है कि मेरे लिए यहां पर कुछ है। तो क्यों ना हम किसी टेक्नोलॉजी का यूज करके ऐसा एक मीडियम बनाएं ताकि हमारे समाज का युवा है यूथ है वो भी एक कनेक्ट फील कर पाए और उसको उसी की तरह से जिस तरह से समझता है तो हमें एक वर्जुअल रियालिटी की प्रेरणा महाराज जी ने दी है।हमने फिर दिन-रात लग कर इसको डेवलप किया पूरे कंटेट को इसकी पूरी टेक्नोलॉजी को एक्सप्लोर किया। कैसे डेवलपमेंट होता है पूरा प्रासेस सीखा हमने।”
वही श्रद्धालुओ का कहना है कि “यह जो एक्सपीरियंस रहा है ये अब तक का बेस्ट रहा है। 15 मिनट की मूवी है पता ही नहीं चला कि वो कब खत्म हो गई। ऐसा लग रहा है तैर रहे हैं यूनिवर्स में पानी के ऊपर। सीट पकड़ रहे हैं अपनी। ऐसा लग रहा था कि गिरने वाले है इस प्रकार से। पूरी की पूरी हिस्ट्री मतलब कुंभ की जो हिस्ट्री है कई सारी चीजें हमें पता थी कुछ कुछ नहीं पता थी। वो सब पता चल गई एक-एक करके। शानदार एक्सपीरियंस था। बहुत ही अच्छा था ऐसा लग रहा था हम वो पौराणिक युग में पहुंच चुके हैं। फील ही नहीं हो रहा था कि मैं यहां पर हूं। मतलब मैं इस युग में हूं मार्डन युग में हूं। ऐसा लग रहा था उस युग की हूं वहीं पर सब कुछ उस जगह को फील क रही हूं मैं। उसमें उतर चुके थे पूरा बहुत अच्छा एक्सपीरियंस था।”