Delhi: गणतंत्र दिवस परेड में दिखेगी ‘मेड इन इंडिया’ की ताकत

Delhi: 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस की परेड कई मायनों में खास रहने वाली है, क्योंकि इस बार मेड इन इंडिया हथियारों और सैन्य वाहनों पर ज्यादा जोर रहेगा।

गणतंत्र दिवस परेड में कपि ध्वज नाम के वाहन को प्रदर्शित किया जाएगा जो जमीन और पानी दोनों पर चलने में सक्षम है।इसका नाम महाभारत काल के अर्जुन के रथ पर रखा गया है। उस रथ पर बजरंग बली का ध्वज भी लगा था।

इसके अलावा चेतक नाम का एक ऑल टेरेन वाहन भी प्रदर्शित किया जाएगा, जिसमें भारतीय सेना की तरफ से अलग अलग ऑपरेशनों में प्रयोग होने वाले और वाहन भी शामिल होंगे। परेड में भाग लेने वाले वाहनों के कंटीजेंट कमांडर ने सशस्त्र बलों के इन दो वाहनों की खासियत को बताया

कैप्टन लक्षेश ने बताया कि ऑल टेरेन व्हीकल को केवल जमीन पर ही तैनात किया जा सकता है, लेकिन ये भारतीय सेना को क्रॉस-कंट्री मोबिलिटी की सुविधा देता है और इसका उपयोग न केवल युद्ध के हालातों में किया जाता है, बल्कि उन दूरदराज के इलाकों में तैनात सैनिकों तक सामान पहुंचाने के लिए भी किया जाता है, जहां बाकी वाहनों से आसानी से नहीं पहुंचा जा सकता।

राजपूत योद्धा महाराणा प्रताप के घोड़े चेतक के नाम पर रखे गए चेतक वाहन को कठिन और विपरीत परिस्थितियों में मेडिकल इवेक्यूशन्स के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है। सारथ इन्फैंट्री कॉम्बैट वाहन उन्नत क्षमताओं के साथ आता है, खास तौर से अंधेरे में ऑपरेशन के लिए इसे बनाया गया है।

नाग मिसाइल सिस्टम को रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन यानि डीआरडीओ ने विकसित किया है। इसे हर मौसम में दुश्मन के टैंकों से निपटने के लिए डिज़ाइन किया गया है और ये पानी और जमीन दोनों पर चल सकता है।

26 जनवरी को टी-90 युद्धक टैंक भी प्रदर्शित किए जाएंगे। मूल रूप से रूस में निर्मित टी-90 में कई संशोधन हुए हैं और अब ये पूरी तरह से स्वदेशी हो गया है। भारतीय सेना वॉर सर्विलांस सिस्टम संजय के साथ अपनी तकनीकी कौशल का प्रदर्शन करेगी। इस सिस्टम को जटिल हालातों में फ्रंटलाइन कमांडरों की सहायता के लिए डिज़ाइन किया गया है।

भारतीय सेना गणतंत्र दिवस परेड में सैनिकों और उपकरणों को तेजी से लाने ले जाने के लिए शॉर्ट स्पैन ब्रिजिंग सिस्टम को भी प्रदर्शित करेगी। ये सिस्टम छोटी बाधाओं पर मिनटों में पुल बना सकती है, जबकि पहले इस काम में घंटों लग जाते थे। इन मोबिलिटी सिस्टम्स में कई पूरी तरह स्वदेशी हैं जो न केवल हमारे सशस्त्र बलों की क्षमताओं को प्रदर्शित करते हैं, बल्कि आत्मनिर्भर भारत की तरफ देश की प्रगति को भी दिखाते हैं।

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