Uttarakhand: जिम कॉर्बेट और रामनगर के आस-पास जंगली जानवरों के हमले बढ़े, इस साल तीन लोगों की जा चुकी है जान

Uttarakhand: उत्तराखंड के जिम कॉर्बेट और रामनगर इलाके में सर्दियों के दौरान इंसानों पर जंगली जानवरों के हमलों के मामले काफी बढ़ जाते हैं। इस साल जंगली जानवरों के हमले में अब तक तीन लोगों की जान चली गई है। बढ़ते हमलों की वजह से प्रदर्शन भी शुरू हो गए हैं।

बाघ के हमले का पहला मामला इसी साल 8 जनवरी को सामने आया था। जंगल से लकड़ी लेने गई महिला को बाघ ने मार डाला था। इसके बाद बिजरानी रेंज और क्यारी गांव के पास बाघ के दो और हमले हुए।

वाइल्डलाइफ एक्सपर्ट मानव-बाघ भिड़ंत के मामलों पर काफी चिंतित नजर आ रहे हैं। उनका कहना है कि हमलों को रोकने के लिए निगरानी और दूसरे इंतजामों की दरकार है।

एक्सपर्ट कहते हैं कि जंगली इलाकों में बढ़ते मानवीय हस्तक्षेप की वजह से जंगली जानवर हमला कर देते हैं। जानवरों के हमले के ज्यादातर मामले पर्यटन क्षेत्रों और खाना पकाने के लिए जंगल में लकड़ी लाने गए लोगों से जुड़े हैं।

वन विभाग इस समस्या से निपटने और मानव और वन्यजीव दोनों की सुरक्षा के लिए कुछ नए फैसले लेने पर विचार कर रहा है।

वन अधिकारियों के मुताबिक वे सर्दियों के मौसम में महिलाएं जंगल न जाएं इसके लिए रियायती कीमतों पर जलाऊ लकड़ी और चारा जैसे सामान देने की योजना बना रहे हैं।

इंसानों पर जानवरों के बढ़ते हमलों की वजह से वन विभाग ने बाघों को पकड़ने के लिए कई जगह पर जाल लगाए हैं। कुछ जानवरों को पकड़कर रेस्क्यू सेंटर में भेज दिया गया है।

वन विभाग के अधिकारी आए दिन हो रहे हमलों को रोकने के लिए हरसंभव कोशिश में जुटे हैं।

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