Jammu- Kashmir: जम्मू कश्मीर के शोपियां जिले की खूबसूरती दुनिया के सामने लाने के लिए जिला प्रशासन ने नई पहल की है, रामबैरा नदी के तट पर दुबजान में पहली बार विंटर कार्निवाल का आयोजन किया गया। दो दिन का कार्निवाल हीलम और नागराय की लोक कथा से प्रेरित है। कार्निवाल में बर्फ पर साहसिक गतिविधियां शामिल की गईं, ताकि शोपियां में टूरिज्म विकसित करने की संभावनाएं टटोली जा सकें।जिला उपायुक्त ने इसके बारे में बताया।
यहां के लोग आयोजन से खुश हैं, उन्हें लग रहा है कि ये कदम शोपियां को टूरिज्म के नक्शे पर लाएगा। उन्हें यकीन है कि यहां कि प्राकृतिक खूूबसूरती आने वाले समय में गुलमर्ग और सोनमर्ग जैसे मशहूर पर्यटन केंद्रों को पीछे छोड़ देगी। कार्यक्रम में शोपियां की समृद्ध संस्कृति भी दिखलाई गई। इनमें पारंपरिक संगीत, नृत्य और मार्शल आर्ट शामिल थे। कार्निवाल में स्थानीय कारोबारियों ने भी अपने उत्पादों की प्रदर्शनी की।
लोगों का मानना है कि यहां टूरिज्म का विकास युवाओं को रोजगार मुहैया कराएगा और उन्हें ड्रग जैसी बुरी लतों से दूर रखने में मददगार होगा। कार्निवाल की कामयाबी से लोगों में उम्मीद जागी है कि आने वाले समय में यहां ज्यादा सैलानी आएंगे, जिससे विकास के नए मौके खुलेंगे, कार्निवाल के आयोजन से शोपियां को टूरिज्म के नक्शे पर लाने में मदद मिली है, उम्मीद है कि इससे आने वाले समय में इलाके में खुशहाली आएगी।
उपायुक्त मोहम्मद शाहिद सलीम ने बताया कि “हम जो भी करते हैं, वो चुनौती होती है, लेकिन इसमें थोड़ा सा ज्यादा था, क्योंकि हमें शून्य से शुरू करना था। कुछ भी उपलब्ध नहीं था। हमने बर्फ और घास के मैदान को जरिया बनाया। शोपियां और दुबजन सिर्फ आठ किलोमीटर दूर हैं। अगर कोई सुबह की सैर भी करना चाहे तो वो दुबजन पहुंच जाएगा। हम यहां कार्निवाल आयोजित कर रहे हैं। तो उससे आपको पता चलता है कि यहां कितनी संभावना हो सकती है। तो इंशाअल्लाह आने वाले दिनों में हम इसे सबसे ज्यादा आकर्षक केंद्र बना सकेंगे।”
इसके साथ ही स्थानीय लोगों का कहना है कि “आज तक यहां पर टूरिस्ट नहीं लाया गया है। हमने इसमें पहल की और हमारे डिप्टी कमिश्नर साहब ने इसमें बहुत से एफर्ट किए और यहां ये फेस्टिवल रखा है। ये बहुत बड़ा फायदा है हमारे डिस्ट्रिक्ट के लिए, हमारे यूथ के लिए, हमारे ट्रेडर्स के लिए। शोपियां के इतिहास में पहली बार ये मनाया जा रहा है और आप देखते हैं ये पूरी तरह से सक्सेसफुल है। ऐसे स्पॉट्स हैं, कि गुलमर्ग और सोनमर्ग भी भूल जाएंगे अगर टूरिस्ट यहां पर लाया जाए।”
“बेसिकली लोगों की डिमांड जो थी, पिछले एक डिकेड से थी कि शोपियां को टूरिज्म मैप पर लाना चाहिए। तो हमें हमेशा कोशिश यही थी कि यहां पर गवर्मेंट कुछ स्टेप्स ऐसे उठाए, जिससे यहां का जो टूरिज्म है, वो मैप पे आ जाए, बढ़े और जो यहां अनएम्प्लॉयड यूथ जो है, इसके साथ जुड़ जाए। जैसा कि आप देखते हैं, या तो गुलमर्ग, या तो सोनमर्ग, या तो पहलगाम, हमेशा जिक्र अगर कश्मीर की होती है तो आप यही सारे एरियाज को सुनते हैं, देखते हैं। यहां पे आप जहां पे खड़े हैं, दुबजन में, हिस्टोरिक मुगल रोड है। यहां पे उतनी नैचुरल ब्यूटी है, सीनिक ब्यूटी है, जो कि पूरे कश्मीर में कहीं भी नहीं है।”
“बेरोजगार यूथ बहुत ज्यादा हैं। पढ़े-लिखे लोग बेचारे ड्राई फ्रूट बेच रहे हैं सड़कों पे। आपने इसे पहले भी देखा होगा और अगर यहां पे टूरिज्म का एक हब बनता है, या एक गंडोला की सुविधाएं हमें मिलती हैं, जिससे कल को हमारे यहां जितने भी बेरोजगार नौजवान हैं, बेरोजगार यूथ थे, उनको रोजगार मिले और उसमें सबसे बड़ा कदम है डीसी शोपियां का, शाहिद सलीम साहब का। आगे भी उनका कदम रहना चाहिए। आगे भी सोशल एक्टिविटी में उनके कदम रहने चाहिए। अगर यहां पे टूरिज्म का हब बनता है, और मुझे लगता है कि जितनी भी नशीली चीजें हैं, वो कम होके टूरिज्म में बढ़ावा मिलेगा।”
लोगों का कहना है कि “पीर की गली- ये दुबजन का एरिया है। यहां पे विंटर कार्निवाल स्टार्ट हुआ। एक अवेयरनेस कैंपेन हमने भी यहां पर लगाया है, जहां पे हम एटीवीज को और स्नोमोबाइल्स को डिस्प्ले और इसकी अर्निंग कैपेबिलिटी, जो यंगस्टर्स के लिए है, वो बहुत ही ज्यादा है। हम देख रहे हैं कि आज कश्मीर में शायद बाकी जगहों पे इतना स्नो फॉल नहीं है, जितना कि यहां है। और यहां का स्कोप बहुत ज्यादा है। अगर यूथ का पार्टिसिपेशन हम इसमें देखें, फॉर एम्प्लॉयमेंट, हम बनाएं यहां पे। उनको एक चैनलाइज वे में उनकी एनर्जी को हम लेके जाएं तो ये डेस्टिनेशन काफी बड़े स्तर पर उभरेगा।”