New Delhi: उच्चतम न्यायालय ने सार्वजनिक सहभागिता और जागरूकता बढ़ाने के लिए अपने दरवाजे खोलते हुए निर्दिष्ट दिनों पर आम लोगों के लिए ‘गाइडेड टूर’ की अनुमति दे दी है। इस अभियान के तहत लोग इस अदालत के बारे में अधिक जानकारी हासिल कर सकते हैं। आम लोग दूसरे और चौथे शनिवार को छोड़कर प्रत्येक शनिवार को इस अदालत के भव्य गलियारों में टहल सकते हैं।
एक अधिकारी ने कहा, ‘‘उच्चतम न्यायालय परिसर को खोलने से आम जनता को भवन के अंदरूनी हिस्सों तक पहुंचने और भव्य संरचना को निहारने का मौका मिलेगा।’’
रजिस्ट्रार महेश टी. पाटणकर द्वारा नौ जनवरी को जारी परिपत्र में कहा गया है, ‘‘सक्षम प्राधिकारी के निर्देशों के अनुसरण में ‘गाइडेड टूर’ का प्रत्येक शनिवार को, दूसरे और चौथे शनिवार और घोषित अवकाशों को छोड़कर, चार निर्धारित समयावधि में सुबह 10 बजे से सुबह 11.30 बजे तक, सुबह 11:30 बजे से दोपहर एक बजे तक, दोपहर दो बजे से दोपहर 3.30 बजे तक और दोपहर 3.30 बजे से शाम पांच बजे तक आयोजन किया जाएगा।’’
उन्होंने कहा कि ‘गाइडेड टूर’ के दौरान अधिकारी जनता से बातचीत करेंगे और उन्हें ऐतिहासिक महत्व के विभिन्न खंडों से परिचित कराएंगे। अधिकारी ने कहा, ‘‘कोई भी आगंतुक पहले से ऑनलाइन बुकिंग कराकर पूर्वनिर्धारित यात्रा की व्यवस्था कर सकता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘पर्यटकों को पूरे परिसर में घुमाया जाएगा और ऐतिहासिक महत्व के हिस्सों से परिचित कराया जाएगा और उन्हें न्यायालय कक्ष देखने का भी मौका मिलेगा।’’अधिकारी ने कहा कि आम लोगों को परिसर का अवलोकन करने का मौका मिलेगा और उन्हें राष्ट्रीय न्यायिक संग्रहालय एवं अभिलेखागार के अलावा न्यायालय कक्षों को भी दिखाया जायेगा।
पर्यटकों को उच्चतम न्यायालय के प्रशासनिक भवन परिसर में नए जजों के पुस्तकालय को देखने का मौका मिलेगा। इससे पहले, तीन नवंबर 2018 को पहला ‘गाइडेड टूर’ हुआ था और अब तक ऐसे 296 ‘गाइडेड टूर’ हो चुके हैं। उच्चतम न्यायालय भवन का निर्माण 1958 में हुआ था और इसकी आधारशिला भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने 1954 में रखी थीं।