Prayagraj: प्रयागराज में महाकुंभ में संतों का समागम लग रहा है, इस समागम में कोने कोने से संत महात्मा शामिल होने के लिए पहुंच रहे हैं।
इस्कॉन मंदिर के संत भी कान्हा की नगरी वृंदावन से प्रयागराज की दूरी तय करते हुए महाकुंभ में पहुंच गए है, इस यात्रा में फूलों से सजे हुए रथ को शामिल किया गया था। जिसे भगवान शिव के वाहन नंदी के प्रतीक, दो बैल खींचते दिखे।
वहीं हरियाणा से दसनाम अखाड़े के जंगम बाबा भी प्रयागराज पहुंचे हैं। जंगम बाबा की टोली शिव धुन में झूमती और गाती हुई महाकुंभ में पहुंची, इस टोली में ज्यादातर संत पीतल के फूलदानों से सजी अनोखी पगड़ी पहने हुए थे।
महाकुंभ मेला 13 जनवरी से शुरू होगा और 26 फरवरी तक चलेगा, इस भव्य धार्मिक आयोजन में करीब 40 करोड़ श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद है।
इस्कॉन धीरनाग दास ने कहा कि “इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य भगवत गीता का प्रचार-प्रसार करना और सनातन धर्म का प्रचार-प्रसार करना है। इसके अतिरिक्त यह एक पदयात्रा नहीं है, इस्कॉन द्वारा पूरे भारत में आठ पदयात्राएं आयोजित की जा रही हैं। श्रील प्रभुपाद (इस्कॉन के संस्थापक) सामने बैठी हैं, और गौर निताई (भगवान गौरांग (चैतन्य महाप्रभु) और भगवान नित्यानंद की दिव्य जोड़ी) पीछे की तरफ बैठी हैं। हम गांव-गांव में सनातन धर्म का प्रचार-प्रसार करने के उद्देश्य से निकले हैं।”