Prayagraj: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल या एनडीआरएफ ने महाकुंभ के दौरान किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए अभ्यास किया।
एनडीआरएफ प्राकृतिक और मानवीय आपदा के दौरान राहत और बचाव के लिए मुख्य एजेंसी है, अभ्यास के दौरान पानी में होने वाले हादसों से निपटने के लिए आधुनिक तकनीक से राहत और बचाव अभियान पर जोर दिया गया।
अधिकारियों ने बताया कि एनडीआरएफ पानी, रासायनिक, जैविक, रेडियोलॉजिकल और परमाणु आपदा के अलावा किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार है, जिसका असर मेला मैदान में बनी तम्बू नगरी पर पड़ सकता है। मैदान में करीब डेढ़ लाख तम्बू होंगे।
राज्य सरकार के मुताबिक महाकुंभ मेले में 40 करोड़ से ज्यादा लोगों के आने की उम्मीद है। उनकी सुरक्षा के लिए सात स्तर पर सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं। महाकुंभ मेला 13 जनवरी को पौष पूर्णिमा के दिन शुरू होगा और 45 दिन बाद 26 फरवरी को शिवरात्रि के दिन समाप्त होगा।
11वीं बटालियन एनडीआरएफ के डीआईजी एम. के. शर्मा ने कहा कि “सभी श्रद्धालुगण जो महाकुंभ में आ रहे हैं उनको विश्वास दिलवाना चाहते हैं कि यहां पर आप जिस उद्देश्य के लिए आ रहे हैं वो आपका सुगम और सुरक्षित रहे, उसके लिए एनडीआरएफ हमेशा तत्पर है। इसके अलावा हमारी सीबीआरएन इमर्जेंसी को लेकर भी तैयारी है, कैमिकल, बायोलॉजिकल, रेडियोलॉजिकल और न्यूक्लिअर इमर्जेंसी को लेकर, उसके लिए भी हमारे पास विशेण उपकरण और विशेष ट्रेंड दस्ता उपलब्ध है।”