Paris Olympics: एक ही ओलंपिक में दो पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला एथलीट बनने के बाद अपनी निशानेबाजी से घर-घर में मशहूर हो चुकी मनु भाकर ने 2024 पेरिस ओलंपिक में ऐतिहासिक जीत के बाद से बहुत बड़ा बदलाव देखा। टोक्यो ओलंपिक में खराब प्रदर्शन के बाद वे पेरिस गेम्स में चैंपियन बनकर उभरीं।
तीन साल पहले 2021 टोक्यो ओलंपिक गेम्स में आई खराबी ने खेल के सबसे बड़े महाकुंभ में पदक जीतने के उनके सपने को तोड़ दिया था।
हालांकि इसी मायूसी को मनु ने अपना हथियार बनाया। तीन साल बाद अपनी काबिलियत के बूते ओलंपिक मुकाबलों के लिए उन्होंने पेरिस के बाहरी इलाके में स्थित शूटिंग रेंज में कदम रखा तो पदक जीतकर ही दम लिया। उन्होंने 2012 लंदन ओलंपिक के बाद से निशानेबाजी में भारत के पदक का सूखा भी खत्म किया।
मनु ने व्यक्तिगत 10 मीटर एयर पिस्टल में ऐतिहासिक कांस्य पदक हासिल किया। इसके बाद पूरे देश की निगाहें इस खेल पर टिक गईं, जिसमें भारत के रिकॉर्ड 21 निशानेबाजों ने हिस्सा लिया
था।
मनु ने न सिर्फ ओलंपिक के व्यक्तिगत मुकाबले में भारत का परचम लहराया बल्कि 10 मीटर एयर पिस्टल मिक्स्ड टीम इवेंट में सरबजोत सिंह के साथ मिलकर कांस्य पदक जीता।
पेरिस ओलंपिक में मिली इस दोहरी कामयाबी ने चैंपियन मनु भाकर और उनके कोच जसपाल राणा दोनों को ही भावुक कर दिया। आखिर दो साल तक तमाम चुनौतियों का सामना कर ये कामयाबी मिली थी।
मनु भाकर को ओलंपिक में उनके शानदार प्रदर्शन के लिए ‘इंडियन ऑफ द ईयर 2024’ पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया। इंस्टाग्राम पर उनके फॉलोअरों की संख्या हजारों से बढ़कर अब लाखों में पहुंच चुकी है।
2024 में अपनी बेहतरीन कामयाबी के साथ, मनु भाकर ने न सिर्फ भारतीय खेल इतिहास में अपनी खास जगह बना ली है बल्कि एथलीटों की भावी पीढ़ियों के लिए भी शानदार मिसाल पेश की है।