Chhattisgarh: यूएनडब्ल्यूटीओ यानी संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन की तरफ से सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गांव उन्नयन कार्यक्रम में अपनी असाधारण क्षमता के लिए मान्यता दिए जाने के बावजूद, छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले के धुडमारास गांव को अब तक आधिकारिक तौर पर वन गांव या राजस्व गांव के रूप में वर्गीकृत नहीं किया गया है।
इस खास कार्यक्रम के लिए गांव का चुना जाना पारिस्थितिकी पर्यटन और सतत विकास के केंद्र के रूप में इसकी कोशिशों को उजागर करता है। साथ ही ये स्थानीय संस्कृति और पर्यावरण को संरक्षित करने के अपने प्रयासों को भी दिखाता है। हालांकि, औपचारिक गांव का दर्जा न होना इसकी पूरी क्षमता का अहसास कराने के रास्ते में बड़ा रोड़ा साबित हो रहा है।
राज्य सरकार के मुताबिक जिले में कई गांव ऐसी ही हालत में हैं और इन गांवों की आधिकारिक पहचान करने की प्रक्रिया अभी चल रही है, लगभग 250 लोगों की आबादी वाले धुडमारास गांव में एक प्राथमिक विद्यालय है। हालांकि स्कूल की बिल्डिंग इस्तेमाल किए जाने लायक नहीं है। ऐसे में बच्चे सामुदायिक हॉल में पढ़ाई करने को मजबूर हैं।
शिक्षक और गांव वाले बताते हैं कि स्कूल पिछले छह महीनों से सामुदायिक हॉल से ही चल रहा है।उनके मुताबिक स्कूल की नई बिल्डिंग बनाई जा रही है। ये बेहतरीन होम स्टे धुडमारास गांव में रहने वाले मानसिंह बघेल के दिमाग की उपज है। वे अपनी पत्नी और गांव के दूसरे लोगों के साथ मिलकर होमस्टे चलाते हैं और विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं।
पर्यटक धुडमारास गांव में कयाकिंग और बैंबू राफ्टिंग जैसे वाटर स्पोर्ट्स के अलावा बर्ड वॉचिंग, कैम्पिंग, ट्रैकिंग जैसी एक्टिविटी से जुड़ते हैं और जनजातीय जिंदगी से रूबरू होते हैं, गांव वालों को उम्मीद है कि धुडमारास पहुंच रहे देसी और विदेशी पर्यटकों की बढ़ती संख्या को देखते हुए प्रशासन उनके लिए बेहतर सुविधाओं का इंतजाम करेगा इससे इलाके को भी फायदा होगा।
स्थानीय लोगों का कहना है कि “जो इसमें वन ग्राम में नहीं है न राजस्व ग्राम में नहीं है। इसलिए हम लोग प्रयास कर रहे हैं अभी जो राजस्व ग्राम में जुड़ाने के लिए तो इसमें हमारे पास कुछ खेती वगैरह कर रहे हैं। जो अपने-अपने पूर्वज लोग से अपना-अपना एरिया जितना बनाए तो वही हिसाब से हम लोग अभी कर रहे हैं।”
वन मंत्री केदार कश्यप ने बताया कि “यह धुडमारास अभी हमको जो ग्लोबल विलेज का एस्पायरिंग में तो सिलेक्शन हुआ है, तो अगले एक साल में अभी जो दिसंबर में उसका जो कंसल्टेंट आ रहे हैं, होम स्टेस ऑफ इंडिया से भी लोग आ रहे हैं बाकि लोग भी आ रहे हैं तो यूएन भी सपोर्ट करेंगे। वो लोग उसको और आगे कैसे बढ़ा सकते हैं, क्योंकि एक विलेज को विलेज टूरिज्म में डेवलप करने के लिए तो उसमें और क्या-क्या चीजों मिला सकते हैं सस्टेनेबल वे में कैसे एड ऑन कर सकते हैं सो देट इको टूरिज्म और सस्टेनेबल टूरिज्म में किस बेसिस में उसको और अच्छे से मतलब ग्लोबल विलेज में हम मोरल विलेज में ले जा सकते हैं। उसमें वो लोग भी अपना सजेशन दे सकते हैं उनको इनकॉरपोरेट करके फिर डिस्ट्रकिट एडमिनिस्ट्रेशन को सपोर्ट करेगा।”
प्राथमिक विद्यालय सहायक शिक्षिका मोनी सिंह ने बताया कि “हमारे स्कूल में 24 बच्चे हैं और यहां मध्यान भोजन अच्छे से दिया जाता है। हर सप्ताह बच्चों को अलग-अलग सब्जियां दी जाती हैं और ये स्कूल जोकी भवन हमारा जो पुराना भवन है वो जर्जर हो चुका है, जिसकी वजह से जो ग्राम पंचायत के लोग हैं धुडमारास के लोग हैं उन लोगों ने बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए अपना जो भवन है दिया हुआ है। इस 17 से जून-जुलाई से यहां पर हम लोग बच्चे लोग को पढ़ा रहे हैं।”