Zakir Hussain: शरद पवार और प्रियंका चतुर्वेदी ने उस्ताद जाकिर हुसैन के निधन पर जताया शोक

Zakir Hussain: पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार ने तबला वादक उस्ताद जाकिर हुसैन के निधन पर दुख जताया। शरत पवार ने ‘एक्स’ पर किए पोस्ट में लिखा कि ”प्रसिद्ध तबला वादक पद्म भूषण उस्ताद जाकिर हुसैन के निधन की खबर दिल दहला देने वाली है। ज़ाकिर हुसैन भारत के सबसे प्रसिद्ध तबला वादक के रूप में जाने जाते थे, एक बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे…उन्होंने भारतीय संगीत के वाद्ययंत्र तबला को विश्व पटल पर स्थापित किया। कला जगत के एक दिग्गज का आज निधन हो गया।”

शिव सेना (यूबीटी) की राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने भी एक्स पर अपने पोस्ट के जरिए हुसैन को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने लिखा, “तबला वादक उस्ताद जाकिर हुसैन के बिना संगीत की दुनिया छोटी होगी। उनके परिवार, दोस्तों और दुनिया भर में उनके प्रशंसकों के प्रति हार्दिक संवेदना, मेरी प्रार्थनाएं, ओम शांति।”

प्रसिद्ध तबला वादक उस्ताद अल्ला रक्खा के पुत्र जाकिर हुसैन का जन्म नौ मार्च 1951 को हुआ था। उन्हें उनकी पीढ़ी के सबसे महान तबला वादकों में माना जाता है। उनके परिवार में उनकी पत्नी एंटोनिया मिनेकोला और उनकी बेटियां अनीशा कुरैशी और इसाबेला कुरैशी हैं। परिवार की ओर से जारी बयान में कहा गया है, ‘‘वह दुनिया भर के अनगिनत संगीत प्रेमियों की तरफ से संजोई गई एक असाधारण विरासत छोड़ गए हैं, जिसका प्रभाव आने वाली पीढ़ियों तक बना रहेगा।’’

छह दशकों के अपने करियर में, हुसैन ने कई प्रसिद्ध अंतरराष्ट्रीय और भारतीय कलाकारों के साथ काम किया, लेकिन गिटारवादक जॉन मैकलॉघलिन, वायलिन वादक एल शंकर और तालवादक टीएच ‘विक्कू’ विनायकराम के साथ 1973 में भारतीय शास्त्रीय संगीत और पश्चिमी जैज संगीत के तत्वों के संलयन को काफी सराहा गया। हुसैन ने मात्र सात वर्ष की आयु से ही तबले पर हाथ आजमाना शुरू कर दिया था और आगे चलकर उन्होंने पंडित रविशंकर, अली अकबर खान और शिवकुमार शर्मा जैसे दिग्गजों सहित भारत के लगभग सभी प्रतिष्ठित संगीत कलाकारों के साथ काम किया।

यो-यो मा, चार्ल्स लॉयड, बेला फ्लेक, एडगर मेयर, मिकी हार्ट और जॉर्ज हैरिसन जैसे पश्चिमी संगीतकारों के साथ उनके अभूतपूर्व संगीत ने भारतीय शास्त्रीय संगीत को अंतरराष्ट्रीय दर्शकों तक पहुंचाया। हुसैन ने अपने करियर में पांच ग्रैमी पुरस्कार प्राप्त किए हैं, जिनमें से तीन इस साल की शुरुआत में 66वें ग्रैमी पुरस्कार में मिले थे। भारत के सबसे प्रसिद्ध शास्त्रीय संगीतकारों में से एक हुसैन को 1988 में पद्म श्री, 2002 में पद्म भूषण और 2023 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया। हुसैन के निधन के बारे में जानकारी मिलते ही मशहूर हस्तियों ने सोशल मीडिया पर शोक व्यक्त किया।

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