PM Modi: लोकसभा में संविधान पर बहस के दूसरे दिन बोलते हुए पीएम मोदी ने यह भी कहा कि कई देशों ने महिलाओं को मतदान का अधिकार काफी देर से दिया, लेकिन भारत में संविधान ने महिलाओं को यह अधिकार सबसे पहले शुरू से ही दिया।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि महिलाओं ने संविधान के निर्माण में बड़ी भूमिका निभाई और बहस के दौरान उनके विचारों ने संविधान के निर्माण पर व्यापक प्रभाव डाला। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि भारत की 75 वर्ष की उपलब्धियां साधारण नहीं हैं, क्योंकि यह स्वतंत्रता मिलने के बाद देश के लिए की गई भविष्यवाणियों से भी आगे निकल गई हैं। उन्होंने कहा कि सभी संभावनाओं को निरस्त करते हुए, परास्त करते हुए भारत का संविधान देश को यहां तक ले आया है।
पीएम मोदी ने कहा कि “75 वर्ष की उपलब्धि साधारण नहीं है। असाधारण है और जब देश आजाद हुआ और उस समय भारत के लिए जो-जो संभावनाएं व्यक्त की गई थीं, उन सभी संभावनाओं को निरस्त करते हुए, परास्त करते हुए भारत का संविधान हमें यहां तक ले आया है। और इसलिए इस महान उपलब्धि के लिए संविधान निर्माताओं के साथ-साथ देश के कोटि-कोटि नागरिकों का आदरपूर्वक नमन करता हूं जिन्होंने इस भावना को, इस नई व्यवस्था को जीकर दिखाया है। संविधान निर्माताओं की जो भावनाएं थी, उसको जीने में पिछले 75 साल भारत का नागरिक हर कसौटी पर खरा उतरा है और इसलिए भारत का नागरिक सर्वाधिक अभिनंदन का अधिकारी है।”
उन्होंने कहा कि “हमारे संविधान के निर्माण की प्रक्रिया में हमारी देश की नारीशक्ति ने संविधान को सशक्त करने में बहुत बड़ी भूमिका निभाई थी। संविधान सभा में 15 माननीय महिला सदस्य थीं और सक्रिय सदस्य थीं, मौलिक चिंतन के आधार पर उन्होंने संविधान सभा की डिबेट तो समृद्ध किया था और वे सभी बहनें अलग अलग बैकग्राउंड की थीं। अलग-अलग क्षेत्र की थीं और संविधान में उन्होंने जो जो सुझाव दिए। उन सुझावों का संविधान के निर्माण पर बहुत बड़ा प्रभाव रहा था और हमारे लिए गर्व की बात है कि दुनिया के कई देश आजाद भी हुए, संविधान भी बने, लोकतंत्र भी बना, लेकिन महिलाओं को अधिकार देने में दशकों बीत गए थे। लेकिन हमारे यहां शुरुआत से ही वोट का अधिकार महिलाओं को दिया गया।”