Ultra-Processed Food: अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड कैसे बढ़ा रहा है कोलन कैंसर का जोखिम

Ultra-Processed Food: दुनिया भर में अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड का चलन बढ़ गया है, सुबह का नाश्ता हो या रात का खाना, ये अलग-अलग अंदाज में नजर आता है। बेहद सुविधाजनक और स्वादिष्ट ये विकल्प खूब लोकप्रिय है। हालांकि जानकारों का मानना है कि ऐसा खाना सेहत से जुड़ी चिंताओं को बढ़ा रहा है।

ब्रिटिश मेडिकल जर्नल में प्रकाशित एक नई स्टडी से पता चलता है कि अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड के सेवन से कोलन कैंसर होने का खतरा काफी बढ़ जाता है। सर्जिकल ऑन्कोलॉजी, मणिपाल अस्पताल के कंसल्टेंट डॉ. इतिशा चौधरी ने कहा कि “अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड मूल रूप से कोई भी ऐसा फूड है जो प्राकृतिक पदार्थ से मिलता है, लेकिन इसे औद्योगिक रूप से प्रोसेस्ड किया जाता है ताकि इसकी शेल्फ लाइफ और स्वाद बढ़ सके। अपने दैनिक जीवन में, हम विभिन्न प्रकार की ब्रेड, बेकरी उत्पाद, फ्लेवर्ड मिल्क, फ्लेवर्ड फ्रोजन योगर्ट, फ्रोजन फूड, पिज्जा, बिस्किट और चिप्स का इस्तेमाल करते हैं, ये सभी अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड की कैटेगरी में आते हैं।”

“कोलोनिक कैंसर का रोगजनन मुख्य रूप से कोलोनिक ट्रैक्ट में पुरानी सूजन की मौजूदगी में निहित है। लंबे समय तक इस तरह का खाना खाने से कोलन कैंसर का खतरा बढ़ाता है। अब इसके पीछे क्या मैकेनिज्म है, यह है कि यह सभी अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड मूल रूप से पोषण के मामले में बहुत खराब हैं। इनमें फाइबर कम होता है, इनमें वसा का स्तर बहुत ज्यादा होता है, विशेष रूप से संतृप्त वसा, इनमें चीनी का स्तर बहुत ज्यादा होता है, इनमें नमक का स्तर बहुत ज्यादा होता है, इनमें विटामिन और मिनरल का स्तर कम होता है, जिनका वास्तव में आंत पर सुरक्षात्मक प्रभाव होना चाहिए।”

विशेषज्ञों के मुताबिक अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड में रिफाइनिंग इंग्रीडिएंट, एडिटिव और आर्टिफिशियल पदार्थ होते हैं जो उनके स्वाद को बढ़ाते हैं। हालांकि इनमें पोषक तत्वों की कमी होती है। कई स्टडी से पता चला है कि इनका सेवन क्रोनिक सूजन से जुड़ा है जो कैंसर के विकास का प्रमुख कारण है। ब्रिटिश मेडिकल जर्नल में प्रकाशित स्टडी से पता चलता है कि अल्टा-प्रोसेस्ड फूड औसत अमेरिकी आहार में 60% कैलोरी और 90% अतिरिक्त शर्करा का योगदान करते हैं।

भारत में अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड की खपत भी बढ़ रही है, इससे हेल्थ प्रोफेशनलों की चिंता भी बढ़ी है। कई स्टडी के मुताबिक कोलोरेक्टल कैंसर दुनिया भर में कैंसर से होने वाली मौतों का दूसरा प्रमुख कारण है, जानकार कोलन कैंसर के जोखिम को कम करने के लिए फल, सब्जियां, मछली और मेवे जैसी चीजों से भरपूर आहार लेने की सलाह देते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *