Iran: विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने ईरान, इजराइल संबंध पर कहा कि इजराइल और ईरान के बीच संबंध चिंता का विषय है और भारत के कुछ कूटनीतिक प्रयास इस मुद्दे पर केंद्रित हैं। बहरीन में ‘मनामा डायलॉग’ में अपने संबोधन में जयशंकर ने लाल सागर में हूती चरमपंथियों के जहाजों पर हमलों का सीधे तौर पर उल्लेख किए बिना कहा कि भारत सुरक्षा हालात को ठीक करने में रुचि रखता है।
बहरीन की दो दिवसीय यात्रा पर आए जयशंकर ने अलग-अलग मुद्दों पर चर्चा की, जिनमें संघर्षों को और फैलने से रोकना और क्षेत्र में सुरक्षा स्थिति में सुधार के मुद्दे शामिल हैं। उन्होंने कहा कि “हाल के दिनों में हम सभी के लिए इजराइल और ईरान के बीच संबंध या इसका अभाव विशेष रूप से चिंता का विषय रहा है, इसलिए हमारे कुछ राजनयिक प्रयासों ने उस खास पहलू पर ध्यान केंद्रित किया है। भारत आज लगभग चार ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था है, और हम इस दशक में इसे आराम से दोगुना करने की उम्मीद करते हैं। हमारा व्यापार आज लगभग 800 बिलियन अमेरिकी डॉलर का है, वो भी इस दशक में कम से कम दोगुना होना चाहिए।”
विदेश मंत्री ने कहा, “इसलिए मैं एक बार फिर हमारे दांव को बढ़ा-चढ़ाकर नहीं बता सकता क्योंकि ये क्षेत्र हमारे लिए हमारी सीमाओं से परे की दुनिया है, जो हमारा इंतजार कर रही है। वास्तव में अदन की खाड़ी, सोमालिया, उत्तरी अरब सागर में हमारे नौसैनिकों की उपस्थिति रही है।साल भर में ये लगभग 30 जहाज रहे हैं, एक समय में लगभग 12 जहाज थे, जिन्हें वहां तैनात किया गया था।”
उन्होंने कहा, “पिछले साल में हमने वास्तव में 24 रियल घटनाओं पर रिएक्ट किया है, 250 जहाजों को बचाया, 120 चालक दल के सदस्यों को बचाया। इसलिए हम अपना योगदान दे रहे हैं, हम ऑपरेशन प्रॉस्पेरिटी गार्जियन के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। ऑपरेशन में हमारा अपना नेशनल लेवल नाम है। तो मुझे लगता है कि खाड़ी देश अब तक हमारे काफी नियमित भागीदार रहे हैं और लगभग हर मामले में हमने अपनी साझा गतिविधियों में बढ़ोतरी देखी है, भूमध्य सागर में विशेष रूप से इजराइल के अलावा ग्रीस के साथ, मिस्र के साथ, हमने इस सालों में जरूरी अभ्यास किए हैं।”
एस. जयशंकर, विदेश मंत्री “हाल के दिनों में हम सभी के लिए इजराइल और ईरान के बीच संबंध या इसका अभाव विशेष रूप से चिंता का विषय रहा है, इसलिए हमारे कुछ राजनयिक प्रयासों ने उस खास पहलू पर ध्यान केंद्रित किया है।”
“भारत आज लगभग चार ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था है, और हम इस दशक में इसे आराम से दोगुना करने की उम्मीद करते हैं। हमारा व्यापार आज लगभग 800 बिलियन अमेरिकी डॉलर का है, वो भी इस दशक में कम से कम दोगुना होना चाहिए। इसलिए मैं एक बार फिर हमारे दांव को बढ़ा-चढ़ाकर नहीं बता सकता क्योंकि ये क्षेत्र हमारे लिए हमारी सीमाओं से परे की दुनिया है, जो हमारा इंतजार कर रही है।”
“वास्तव में अदन की खाड़ी, सोमालिया, उत्तरी अरब सागर में हमारे नौसैनिकों की उपस्थिति रही है।साल भर में ये लगभग 30 जहाज रहे हैं, एक समय में लगभग 12 जहाज थे, जिन्हें वहां तैनात किया गया था और पिछले साल में हमने वास्तव में 24 रियल घटनाओं पर रिएक्ट किया है, 250 जहाजों को बचाया, 120 चालक दल के सदस्यों को बचाया। इसलिए हम अपना योगदान दे रहे हैं, हम ऑपरेशन प्रॉस्पेरिटी गार्जियन के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। ऑपरेशन में हमारा अपना नेशनल लेवल नाम है।”
“तो मुझे लगता है कि खाड़ी देश अब तक हमारे काफी नियमित भागीदार रहे हैं और लगभग हर मामले में हमने अपनी साझा गतिविधियों में बढ़ोतरी देखी है। भूमध्य सागर में विशेष रूप से इजराइल के अलावा ग्रीस के साथ, मिस्र के साथ, हमने इस सालों में जरूरी अभ्यास किए हैं।”