Delhi: भारत और चीन ने एलएसी पर विवादित जगह पर सैन्य गतिरोध को रोकने के लिए पूर्वी लद्दाख में गतिरोध से मिले सबक पर विचार किया, ये गतिरोध कुछ हफ्ते पहले देपसांग और डेमचोक में सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया पूरी होने के बाद खत्म हुआ था।
भारत-चीन सीमा मामलों पर चर्चा और समन्वय के लिए कार्यकारी तंत्र (डब्ल्यूएमसीसी) के ढांचे के तहत दिल्ली में आयोजित बातचीत में दोनों पक्षों ने सीमा संबंधी मामलों पर विशेष प्रतिनिधियों की अगली बैठक की भी तैयारी की।
पूर्वी लद्दाख में सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया पूरी होने के बाद डब्ल्यूएमसीसी की ये पहली बातचीत थी, जिससे मई 2020 में शुरू हुआ गतिरोध खत्म हुआ। विदेश मंत्रालय ने कहा, “दोनों पक्षों ने सैनिकों को पीछे हटाने के हालिया समझौते के कार्यान्वयन की सकारात्मक रूप से पुष्टि की, जिसने 2020 में उभरे मुद्दों का समाधान पूरा किया। उन्होंने विशेष प्रतिनिधियों (एसआर) की अगली बैठक की भी तैयारी की।”
एसआर तंत्र के तहत वार्ता बहाल करने का फैसला 21 अक्टूबर को ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान कजान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच हुई बैठक में लिया गया था। विदेश मंत्रालय ने डब्ल्यूएमसीसी में कहा, “दोनों पक्षों ने सीमा क्षेत्रों की स्थिति की समीक्षा की और 2020 की घटनाओं से मिले सबक पर विचार-विमर्श किया, ताकि फिर से गतिरोध को रोका जा सके।”