Bihar: बाढ़ ने 500 से ज्यादा लोगों को किया बेघर, प्रशासन से मदद का इंतजार

Bihar:  साल की शुरुआत में बिहार में आई विनाशकारी बाढ़ की वजह से भोजपुर जिले के जवईनिया गांव में 500 लोग बेघर हो गए, गंगा नदी के कटाव से 70 से ज्यादा घर बर्बाद हो गए हैं। इससे गांव के लोगों को नदी के किनारे अस्थायी आश्रयों में रहने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।

हालात लगातार बदतर होते जा रहे हैं क्योंकि कटाव की वजह से खतरनाक ढलानें बन गई हैं। गांव वालों का कहना है कि उन्हें न सिर्फ आने वाले ठंडे के मौसम का डर सता रहा है बल्कि जमीन के दरकने का खतरा भी लगातार बना हुआ है।

बाढ़ जैसी आपदाओं से निपटने की पूरी तैयारी होने के जिला प्रशासन के तमाम दावों के बावजूद, मुश्किलों से जूझ रहे परिवारों का आरोप है कि उन्हें अब भी मदद का इंतजार है। कुछ गांव वालों का तो ये भी दावा है कि जिल के अधिकारियों ने उन्हें एक स्कूल में बनाए गए उस राहत शिविर से भी हटा दिया है जहां उन्हें पहले भेजा गया था।

हालांकि अधिकारियों का कहना है कि उनकी तरफ से तमाम कोशिशें जारी हैं जिनमें नुकसान का आकलन करने के लिए नियमित सर्वेक्षण करना और प्रभावित लोगों को वित्तीय मुआवजा देना शामिल है। हालांकि लोगों का कहना है कि दो महीने तक मुसीबत सहने के बाद ये वादे उन्हें कोई राहत नहीं दे रहे हैं, क्योंकि वे बुनियादी चीजों के बिना जूझ रहे हैं।

निशा देवी, प्रभावित ग्रामीण “परेशानी ये है कि कोई काम नहीं कर रहा है और हम गंगा नदी के किनारे रह रहे हैं। हमें डर रहता है कि कहीं हम यहां से गिर न जाएं और हमें नहीं पता कि हमें कब यहां बैठना चाहिए और कब नहीं।”

प्रभावित ग्रामीणों का कहना है कि “यह कितना दर्दनाक है कि इतनी छोटी सी जगह में हमारे परिवार में इतने सारे लोग हैं, दिक्कत ये है कि हम गंगा नदी के किनारे रहते हैं और ठंडे मौसम के कारण हमें परेशानियों का सामना करना पड़ता है। हमारा घर ढह गया है और हमने यहां दो झोपड़ियां बना ली हैं। एक झोपड़ी में पांच से दस लोग रह रहे हैं, एक ही कंबल के नीचे पांच या छह लोग सो रहे हैं।

तनय सुल्तानिया, जिलाधिकारी, भोजपुर “सभी से अपील की जाती है जो भी आपदा विभाग के अधिनियम है उसके बारे में गाइडलाइंस बताया जाता है और लगातार बिहार सरकार और जिला प्रशासन द्वारा बाढ़ निरोधक कार्यवाही भी की जाती है और इस बार जब आपदा थी, उसमें जो भी आपदा के बाद की कार्यवाही है वो भी लगातार की जाती है। बिहार सरकार की तरफ से जितने भी लोग प्रभावित थे उनको आपदा की राशि सात हजार अनुदान की भी राशि दी गई है। एक लाख से अधिक परिवारों को हमारे जिले में भुगतान किया गया है और साथ ही साथ जिनकी फसल क्षति हुई है उसके लिए भी सबके खातों में राशि भेजी गई है। लगातार सर्वे चल रहा है।”

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *