Constitution: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उप-राष्ट्रपति जगदीप धनखड़, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, , प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विपक्ष के नेता राहुल गांधी सहित दोनों सदनों के नेता सदन के सेंट्रल हॉल में भारत के संविधान को अपनाने के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में पहुंचे।
राष्ट्रपति मुर्मू ने संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित किया, इस अवसर पर सरकार एक स्मारक सिक्का और डाक टिकट भी जारी करेगी। सरकार ने घोषणा की कि नागरिकों को इंटरैक्टिव गतिविधियों और संसाधनों के माध्यम से संविधान की विरासत से जुड़ने में सक्षम बनाने के लिए एक नई वेबसाइट – https://constitution75.com बनाई गई है।
इसने ये भी कहा कि देश भर के स्कूलों, शहरों और गांवों में इसकी प्रस्तावना का सामूहिक वाचन किया जाएगा। संविधान सभा की पहली बैठक नौ दिसंबर, 1946 को नई दिल्ली में पुराने संसद भवन भवन के सेंट्रल हॉल में हुई थी।
लोकसभा की वेबसाइट के अनुसार, इस अवसर के लिए भव्य रूप से सजाए गए इस कक्ष में उस दिन एक नया रूप था, जिसमें “ऊंची छतों से लटकते हुए चमकीले लैंपों का एक समूह” और दीवारों पर लगे ब्रैकेट भी थे।
संविधान को 26 नवंबर, 1949 को अपनाया गया था, लेकिन ये 26 जनवरी, 1950 को लागू हुआ, जब भारत एक गणतंत्र बना। “स्वतंत्र भारत के लिए संविधान का मसौदा तैयार करने में संविधान सभा को लगभग तीन वर्ष (सटीक रूप से कहें तो दो वर्ष, ग्यारह महीने और सत्रह दिन) लगे, इस अवधि के दौरान इसने कुल 165 दिनों में ग्यारह सत्र आयोजित किए।
मंत्रालय ने कहा कि भारत के संविधान की खासियत को दिखाने के लिए लघु फिल्म दिखाई जाएगी। इसके साथ ही ‘भारत के संविधान का निर्माण: एक झलक’ और ‘भारत के संविधान का निर्माण और इसकी शानदार यात्रा’ नामक पुस्तकों का विमोचन किया जाएगा। राष्ट्रपति मुर्मू संस्कृत और मैथिली में संविधान के अनुवादित संस्करण भी जारी करेंगे और राष्ट्रपति की अगुवाई में प्रस्तावना का औपचारिक वाचन होगा।