PM Modi: पीएम मोदी ने ‘कैरिकॉम’ से मजबूत संबंधों के लिए सात प्रस्ताव रखा

PM Modi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुयाना पहुंचे, जो पिछले 50 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री का पहला दौरा है। यहां वे दूसरे भारत-कैरिकॉम शिखर सम्मेलन के लिए कैरेबियाई देशों के नेताओं के साथ शामिल हुए और उनसे व्यापार, प्रौद्योगिकी और पर्यटन जैसे मुद्दों पर चर्चा की, इस दौरान पीएम मोदी ने भारत और ‘कैरीकॉम’ (कैरेबियन समुदाय) के बीच संबंधों को मजबूत करने के लिए सात प्रमुख स्तंभों का प्रस्ताव रखा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत-कैरिकॉम शिखर सम्मेलन के दौरान कहा कि मैं कैरिकॉम परिवार के सभी सदस्यों का दिल से स्वागत करता हूं। हमारी आज की बैठक पांच साल बाद हो रही है। इन पांच वर्षों में दुनिया में कई बदलाव हुए हैं, और मानवता को कई तनावों और संकटों का सामना करना पड़ा है। इन संकटों का सबसे ज्यादा और सबसे नकारात्मक असर हम जैसे ग्लोबल साउथ के देशों पर पड़ा है। इसलिए भारत ने हमेशा कैरिकॉम के साथ मिलकर इन साझा चुनौतियों का सामना करने की कोशिश की है।

उन्होंने आगे कहा कि पिछली बैठक में हमने कई नई और सकारात्मक पहल की पहचान की थी, और मुझे खुशी है कि उन सभी पर काम हो रहा है। भविष्य में हमारे सहयोग को और मजबूत बनाने के लिए, मैं कुछ प्रस्ताव रखना चाहता हूं, जो सात मुख्य स्तंभों – सी, ए, आर, आई, सी, ओ, एम (कैरिकॉम) पर आधारित हैं।

उन्होंने कैरिकॉम को सी से क्षमता निर्माण, ए को कृषि और खाद्य सुरक्षा, आर को नवीकरणीय ऊर्जा और जलवायु परिवर्तन, आई को नवाचार, प्रौद्योगिकी और व्यापार, सी को क्रिकेट और संस्कृति, ओ को महासागर अर्थव्यवस्था और समुद्री सुरक्षा, एम को औषधि और स्वास्थ्य देखभाल बताया।

पीएम मोदी ने ये भी कहा कि “पांच टी – व्यापार, प्रौद्योगिकी, पर्यटन, प्रतिभा और परंपरा को बढ़ावा देने के लिए निजी क्षेत्र और सभी देशों के हितधारकों को जोड़ने के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल बनाया जा सकता है।” उन्होंने कहा कि भारत एसएमई (लघु और मध्यम उद्यम) क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। पिछले साल भारत-कैरिकॉम बैठक के दौरान हमने एसएमई क्षेत्रों के लिए दस लाख डॉलर के अनुदान की घोषणा की थी। हमें अब इसके कार्यान्वयन पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।

कैरिकॉम के शासनाध्यक्षों और प्रधानमंत्री की आखिरी मुलाकात 2019 में संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के 74वें सत्र के इतर हुई थी, जहां उन्होंने भारत से 150 मिलियन अमेरिकी डॉलर की क्रेडिट लाइन के माध्यम से नवीकरणीय ऊर्जा और जलवायु परिवर्तन में सहयोग के तौर-तरीकों पर चर्चा की थी। शिखर सम्मेलन के दौरान, गुयाना के राष्ट्रपति इरफान अली ने कहा, “मैं आपको और भारत के लोगों को आपके निस्वार्थ गुणों के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं, जब आपने इस क्षेत्र में सीओवीआईडी ​​​​महामारी के दौरान टीकों का पहला सेट पहुंचाया।”

विदेश मंत्रालय के मुताबिक, गुयाना में भारतीय मूल के करीब 3,20,000 लोग हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि “यह प्रस्ताव सात मुख्य स्तंभों पर आधारित है और ये सात स्तंभ है- सी, ए, आर, आई, सी, ओ, एम यानी (कैरिकॉम) पर आधारित हैं। पहला सी यानी कैपेबिलिटी बिल्डिंग। भारत स्कॉलरशिप, ट्रैनिंग और तकनीकी सहायता के माध्यम से कैरिकॉम देशों की कैपेसिटी बिल्डिंग में अपना योगदान देता रहा है।”

“फाइव टी यानी ट्रेड, टेक्नोलॉजी, टूरिज्म, टैलेंट और ट्रेडिशन को बढ़ावा देने के लिए हम सभी देशों के प्राइवेट सेक्टर तथा स्टेट होल्डर को आपस में जोड़ने के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल बना सकते हैं।एसएमई सेक्टर में भारत तेजी गति से आगे बढ़ रहा है। पिछले वर्ष इंडिया कैरिकॉम बैठक के दौरान हमने एसएमई प्रोजेक्ट के लिए वन मिलियन डॉलर ग्रांट की घोषणा की थी। हमें इसके इंप्लीमेंटेशन को गति देनी चाहिए।”

“हम कैरिकॉम क्षेत्र के लिए फोरेंसिक सेंटर बनाने पर भी काम करेंगे। भारत में सिविल सर्वेंट की निरंतर कैपेसिटी बिल्डिंग के लिए हमने ‘आईगोट कर्मयोगी पोर्टल’ बनाया है। इस पोर्टल पर टेक्नोलॉजी, एडमिनिस्ट्रेशन, कानून, शिक्षा जैसे क्षेत्रों में ऑनलाइन कोर्सेज उपलब्ध है। ‘कैरीकॉम’ देशों के लिए एक ऐसा ही पोर्टल तैयार किया जा सकता है।”

गुयाना के राष्ट्रपति इरफान अली ने कहा कि “मैं आपको और भारत के लोगों को आपके निस्वार्थ गुणों के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं, जब आपने इस क्षेत्र में सीओवीआईडी ​​​​महामारी के दौरान टीकों का पहला सेट पहुंचाया। अंतरराष्ट्रीय समुदाय में भारत की प्रभावशाली आवाज है। आप ग्लोबल साउथ का एक उपकरण लॉन्च कर रहे हैं, जी20 की आपकी हालिया अध्यक्षता, ब्रिक्स में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका और विकासशील दुनिया के लिए आपकी दृढ़ वकालत ग्लोबल साउथ की आकांक्षाओं को आगे बढ़ाने में आपकी प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है।”

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