Punjab: वायु प्रदूषण से निपटने के लिए दिल्ली में ग्रैप यानी ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान- फोर लागू होने के बावजूद, पड़ोसी राज्यों पंजाब और हरियाणा में पराली जलाना जारी है।
पंजाब के फिरोजपुर में इस सीजन में अब तक पराली जलाने के 815 मामले दर्ज किए गए हैं, पुलिस सैटेलाइट डेटा के आधार पर कार्रवाई कर रही है। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, वे पराली जलाने की जानकारी मिलने पर तुरंत कार्रवाई करते हैं, किसानों में जागरूकता बढ़ाते हैं और जरूरी कदम उठाते हैं।
एसएसपी (डी), रणधीर कुमार ने बताया कि “जिला फिरोजपुर में जो पंजाब पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड है उसकी जो रिपोर्ट आती है, सैटेलाइट डेटा आता है, उसके वेरिफिकेशन के मुताबिक 815 मुकदमें दर्ज किए गए हैं पराली जलाने के इसके साथ-साथ पंजाब पुलिस, फिरोजपुर पुलिस और फिरोजपुर प्रशासन की टीम ज्वाइंटली जाकर के किसानों को अवेयर भी करती है और लोगों से ये अपील भी करती है कि पराली को जलाकर के न उसका निपटारा करें।”))
इसी तरह की तस्वीरें मोगा में भी देखने को मिल रही हैं। जिले के डिप्टी कमिश्नर विशेष सारंगल और एसएसपी अजय गांधी लोहगढ़ गांव पहुंचे, जहां एक खेत में लगी आग को बुझाया जा रहा था।
अधिकारियों ने किसान के खिलाफ मामला दर्ज कर जुर्माना लगाया। साथ ही पराली जलाने वालों के लिए जीरो टॉलरेंस पॉलिसी अपनाने पर जोर दिया। हरियाणा के कैथल जिले में भी पराली जलाने के मामले सामने आए हैं। इससे यहां की एयर क्वालिटी और खराब हो गई है। वहीं दिल्ली में एयर क्वालिटी ‘बेहद खराब’ कैटेगरी में पहुंच गई, शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स 484 दर्ज किया गया।
हालात काबू करने के लिए की जा रही पराली मैनेजमेट जैसी कोशिशों के बावजूद पंजाब और हरियाणा में फसल अवशेषों को जलाने से रोकना प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती बना हुआ है।