PM Modi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में आदिवासी समुदायों के योगदान को कांग्रेस पार्टी ने मान्यता नहीं दी। प्रधानमंत्री ने कहा कि सारा श्रेय सिर्फ एक पार्टी और एक परिवार को देने का प्रयास किया गया।
प्रधानमंत्री ने सवाल किया, “अगर हमारे देश को एक परिवार की वजह से आजादी मिली, तो बिरसा मुंडा ने ‘उलगुलान’ आंदोलन क्यों शुरू किया?” प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि भारत के आदिवासी समुदाय को पिछली सरकारों के तहत वो मान्यता नहीं मिली, जिसके वे हकदार थे।
बिहार के जमुई में ‘आदिवासी गौरव दिवस’ कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी ने कहा, “भारत के आदिवासी समुदाय को पहले न्याय नहीं मिला।” उन्होंने कहा कि कई आदिवासी नेताओं ने देश की आजादी की लड़ाई में अहम भूमिका निभाई है। “आदिवासी गौरव दिवस” को आदिवासी नेता बिरसा मुंडा की जयंती के रूप में मनाया जाता है। शुक्रवार को उनकी 150वीं जयंती है।
कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा, “मेरी सरकार ने आदिवासी समुदायों के उत्थान के लिए कई कदम उठाए हैं।” प्रधानमंत्री ने कहा, “अटल बिहारी वाजपेयी ने आदिवासी कल्याण के लिए अलग मंत्रालय की स्थापना की। आदिवासी विकास के लिए बजट पहले 25 हजार करोड़ रुपये था। लेकिन हमारी सरकार ने इसे बढ़ाकर 1.25 लाख करोड़ किया है।”
पीएम मोदी ने कहा कि “यह इतिहास के एक बहुत बड़े अन्याय को दूर करने का ईमानदार प्रयास है। आजादी के बाद आदिवासी समाज के योगदान को को वो स्थान नहीं दिया गया। जिसका मेरा आदिवासी समाज हकदार था। आजादी के बाद के दशकों में आदिवासी इतिहास के इस अनमोल योगदान को मिटाने की कोशिशें की गईं। इसके पीछे भी स्वार्थ भरी राजनीति थी। राजनीति ये कि भारत की आजादी के लिए सिर्फ एक ही दल को श्रेय दिया जाए। लेकिन अगर सिर्फ एक ही परिवार ने आजादी दिलाई तो भगवान बिरसा मुंडा का ‘उलगुलान’ आंदोलन क्यों हुआ था।”
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि “यह अटल बिहारी वाजपेयी जी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ही थी जिसने आदिवासी कल्याण के लिए अलग मंत्रालय बनाया। दस साल पहले आदिवासी क्षेत्रों, आदिवासी परिवारों के विकास के लिए बजट 25,000 करोड़ रुपये से भी कम था। 10 साल पहले का हाल देखिए 25, 000 करोड़ रुपये से भी कम। हमारी सरकार ने इसको पांच गुणा बढ़ा कर सवा लाख करोड़ रुपये पहुंचाया है।”