Film industry: ‘बाहुबली’, ‘ब्रह्मास्त्र’, ‘कल्कि’ और ‘स्त्री’ जैसी ब्लॉकबस्टर फिल्मों के साथ विजुअल इफेक्ट्स यानी वीएफएक्स टेक्नोलॉजी में आया क्रांतिकारी बदलाव भारतीय सिनेमा को बदल रहा है। 2014 में भारत में पेश की गई थ्रीडी स्कैनिंग टेक्नोलॉजी अब काफी एडवांस हो चुकी है। इस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल अमिताभ बच्चन, शाहरुख खान और कमल हासन जैसे एक्टरों को डिजिटल रूप से कम उम्र का दिखाने के लिए किया गया है, जिससे वे बिना शारीरिक बदलाव के स्क्रिन पर युवा दिख सकते हैं।
इस टेक्नोलॉजी ने इंडस्ट्री जगत का ध्यान तब खींचा, जब रेड चिलीज़ एंटरटेनमेंट ने 2015 में फिल्म ‘फैन’ में शाहरुख खान को कम उम्र का दिखाने के लिए इसका इस्तेमाल किया था। एडवांस वीएफएक्स टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल डिजिटल रूप से बने अवतारों को वास्तविक जैसा दिखाने में होता है, लेकिन कुछ डिटेल में कमी रह जाती है, जिससे दर्शकों में बेचैनी की भावना पैदा होती है।
वीएफएक्स टेक्नोलॉजी हर पल एडवांस हो रही है, इसलिए फिल्म मेकरों के पास अब एक ऐसा टूल है जो उनकी किसी भी कल्पना को पूरा कर सकता है। हैरान कर देने वाले सीन से लेकर दिमाग को हिला देने वाली डिटेल तक, कहानीकार अब ऐसे सीन और तस्वीरें बना सकते हैं जो दर्शकों को बांधें रखती हैं।
वॉल्यूमएक्स के सीईओ अनंत ने बताया कि “इसलिए, हम इन थ्रीडी स्कैनिंग टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करते हैं, जहां हम उन्हें (एक्टरों को) स्कैन करते हैं – एक बहुत ही हाइपर-रियलिस्टिक डिजिटल अवतार बनाते हैं और फिर डेटा का इस्तेमाल करके, उनका एक युवा वर्जन तैयार करते हैं और फिर उसे फिल्म में दिखाते हैं। इसलिए कुछ ऐसे सीन हैं जो हम कर रहे हैं, जहां हम चेहरे की जगह ले रहे हैं, उम्र कम कर रहे हैं और कुछ ऐसे शॉट हैं जहां एक्टर चट्टान से कूद रहा है या उड़ रहा है। वो ये चीजें खुद नहीं कर सकते हैं, उन्हें बॉडी डबल की जरूरत होती है, लेकिन हमें अब भी एक्टर का चेहरा इस पर रखना होगा।”
“तो आप जानते हैं कि हमने जो किया है, वो ये है कि हमने ‘लाइट-स्टेज टेक्नोलॉजी’ के तौर पर कुछ बनाया है, इसे मूल रूप से दक्षिणी कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय में डेवलप किया गया था, दुनिया में केवल पांच सेट-अप हैं और अब हमने आखिरकार भारत में एक सेट-अप हासिल कर लिया है।