India: भारत ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर और सऊदी अरब के विदेश मंत्री प्रिंस फैसल बिन फरहान अल सऊद की अध्यक्षता में भारत-सऊदी अरब रणनीतिक साझेदारी परिषद (एसपीसी) की राजनीतिक, सुरक्षा, सामाजिक और सांस्कृतिक समिति की बैठक की।
बैठक के भारत और सऊदी अरब के बीच कई समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर हुए, बैठक में बोलते हुए विदेश मंत्री जयशंकर ने मध्य पूर्व में चल रहे संघर्ष पर भारत का रुख स्पष्ट किया और भारत और सऊदी अरब के बीच बढ़ते सुरक्षा सहयोग को दोनों देशों के लिए जरूरी बताया।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि “हमारी रक्षा साझेदारी में पिछले कुछ सालों में कई चीजें पहली बार देखी गई हैं, जिनमें 2024 में थल सेना का पहला संयुक्त अभ्यास और संयुक्त नौसैनिक अभ्यास के दो एडिशन शामिल हैं। हमारा सुरक्षा सहयोग लगातार बढ़ रहा है। हम आतंकवाद का मुकाबला करने, उग्रवाद, आतंकवाद के फाइनेंस और मादक पदार्थों की तस्करी से निपटने में सहयोग कर रहे हैं।”
उन्होंने कहा कि “आज हमें क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय हालात की समीक्षा करने का मौका मिलेगा। हम मानते हैं कि सऊदी अरब इस क्षेत्र में स्थिरता का जरूरी फैक्टर है। पश्चिम एशिया के हालात हमारे लिए गहरी चिंता का विषय है, खासकर गाजा में हो रहा संघर्ष। इस मामले में भारत की सैद्धांतिक स्थिति स्पष्ट रही है। हालाँकि हम आतंकवाद और बंधक बनाने जैसे कार्यों की निंदा करते हैं, हम निर्दोष लोगों के मारे जाने से दुखी हैं।
किसी भी तरह के संघर्ष में अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून को ध्यान में रखा जाना चाहिए और हम जल्द युद्धविराम के पक्ष में हैं। भारत लगातार दो-राज्य समाधान के जरिए फिलिस्तीन मुद्दे के हल के लिए खड़ा है।”
इसके साथ ही सऊदी अरब के विदेश मंत्री प्रिंस फैसल बिन फरहान अल सऊद ने बताया कि “हम क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मामलों पर सहयोग सहित सभी क्षेत्रों में लगातार प्रयासों के महत्व को समझते हैं, हमारा मानना है कि समन्वय जरूरी है। हम साझा चिंता के मुद्दों पर अपनी स्थिति पर बात करते रहेंगे, खासकर जब वे अंतरराष्ट्रीय शांति, सुरक्षा और आर्थिक विकास से जुड़े हों। हमें भरोसा है कि आगे बढ़ता सहयोग हमारे आपसी हितों के साथ-साथ क्षेत्र को अधिक व्यापक रूप से मदद करेगा।”