Jammu-Kashmir: राजौरी के सीमावर्ती गांवों में सेना की अनोखी पहल

Jammu-Kashmir: जम्मू-कश्मीर में राजौरी जिले के सीमावर्ती गांवों में सेना ने कोकून आर्टिस्ट्री सिखाना शुरू किया है, ये पहल सेना की भिंबर गली ब्रिगेड की गंभीर बटालियन ने की है।

इस पहल के तहत पंजग्रियां के गवरमेंट हायर सेकेंड्री स्कूल में हफ्ते भर का ट्रेनिंग प्रोग्राम चलाया जा रहा है, ट्रेनिंग वर्कशॉप में हिस्सा लेने वाले स्टूडेंट इस हुनर को भविष्य के लिए फायदेमंद मानते हैं।

कोकून आर्टिस्ट्री में लकड़ी और कागज समेत कई माध्यमों पर कोकून से कलाकारी की जाती है। ऐसे शो पीस की कीमत काफी होती है और ये रोजी-रोटी का आरामदेह जरिया बन सकता है।

पुंछ के प्रभारी सेरीकल्चर डॉ. रूबिया बुखारी ने बताया कि “यह फाइव डेज हमने वर्कशॉप ऑर्गेनाइज करवाया है, जिसका मेन मकसद है, सेरीकल्चर को बूस्ट करना। सेरीकल्चर इंडस्ट्री को दोबारा से रिवाइव करना और सबसे इम्पॉर्टेंट बात, आने वाले यूथ को तैयार करना, जो उनके चैलेंजेज हैं, फ्यूचर में उनको अनइम्प्लॉयमेंट फेस करनी होती है, उसको ओवरकम करने के लिए।”

इसके साथ ही छात्रों का कहना है कि “जो कि यहां एक स्कीम आई थी, कोकून आर्टिस्ट्री। जो कि यहां हमें कोकून के बारे में सिखाया जा रहा था कि कैसे इसको बनाना है, कैसे इसकी तैयारी करनी है। तो इससे हम अपनी फैमिली का सहारा बन सकते हैं। इससे हम कई आर्ट बनाके पैसे कमा सकते हैं। ये बहुत हमारे लिए फायदेमंद चीज है, यहां पर हमने बहुत सारे शो-पीस बनाए हैं। हमें इससे पहले कुछ पता नहीं था कि ऐसी भी कोई चीज होती है। आर्ट होती है कोकून की। इससे हम अपना रोजगार चला सकते हैं। ये बहुत महंगे बिकते हैं और बॉर्डर एरिया के बच्चों के लिए ये बहुत जरूरी हैं, क्योंकि अगर इनको इस्तेमाल करके, शो-पीस बना करके बेच सकते हैं, ताकि उनका रोजगार चल जाए।”

 

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