Droupadi Murmu: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गोवा में आईएनएस विक्रांत पर सवार होकर समुद्री अभियान देखा

Droupadi Murmu: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गोवा तट पर विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत पर सवार होकर समुद्री अभियान देखा। नौसेना के प्रवक्ता ने बताया कि राष्ट्रपति गोवा में नौसेना वायु स्टेशन आईएनएस हंसा पहुंचीं, जहां नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी और पश्चिमी नौसेना कमान के ‘फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ वाइस’ एडमिरल संजय जे सिंह मौजूद थे।

उन्होंने कहा, “राष्ट्रपति के लिए 150 लोगों की ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ परेड भी आयोजित की गई।’’ इसके बाद राष्ट्रपति स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत पर सवार हुईं। प्रवक्ता कहा कि “यह राष्ट्रपति मुर्मू का समुद्र में भारतीय नौसेना के पोतों का पहला दौरा था।”

राष्ट्रपति ने कई नौसैनिक अभियानों को देखा, जिनमें डेक आधारित लड़ाकू विमानों का उड़ान भरना और उतरना, पनडुब्बी अभियान, 30 से ज्यादा विमानों का ‘फ्लाईपास्ट’ और युद्धपोतों का पारंपरिक ‘स्टीम-पास्ट’ शामिल था।

उन्होंने आईएनएस विक्रांत के चालक दल के साथ बातचीत भी की, जिसके बाद उन्होंने बेड़े को संबोधित किया। इस दौरान मूर्मु ने कहा कि “खरीदार से निर्माता तक भारतीय नौसेना के चल रहे परिवर्तन से भारत के आत्मनिर्भर भारत और एक विकसित राष्ट्र के विजन को साकार करने में मदद मिलेगी। मुझे ये जानकर खुशी हुई कि भारतीय नौसेना अग्निपथ योजना को अपनाने और महिलाओं को इसमें शामिल करने के लिए परिवर्तनकारी कदम उठा रही है। मैं नारी शक्ति को बढ़ावा देने के लिए नौसेना की तरफ से उठाए कदमों का जिक्र करना चाहूंगी।”

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि “खरीदार से निर्माता तक भारतीय नौसेना के चल रहे परिवर्तन से भारत के आत्मनिर्भर भारत और एक विकसित राष्ट्र के विजन को साकार करने में मदद मिलेगी। भारत का समुद्री भूगोल आर्थिक विकास, क्षेत्रीय कनेक्टिविटी और रणनैतिक असर के लिए कई मौके पेश करता है। हमारे पास एक विशाल समुद्री क्षमता है, जिसका हमें विकसित राष्ट्र बनने की अपनी यात्रा में फायदा उठाना चाहिए।”

इसके साथ ही कहा कि “मुझे यह जानकर खुशी हुई कि भारतीय नौसेना अग्निपथ योजना को अपनाने और महिलाओं को इसमें शामिल करने के लिए परिवर्तनकारी कदम उठा रही है। मैं नारी शक्ति को बढ़ावा देने के लिए नौसेना की तरफ से उठाए कदमों का जिक्र करना चाहूंगी। आप भारत और विदेशों में आपदाओं के दौरान मानवीय सहायता और आपदा राहत देने में सबसे आगे रहे हैं। विदेश में आपके कार्य, राष्ट्र के प्रति सद्भावना ने तेजी से प्रतिक्रिया देने वाले के रूप में भारत के कद को बढ़ाया है।”

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