Himachal mosque row: शिमला में विवादित संजौली मस्जिद की तीन अवैध मंजिलों को गिराने का काम सोमवार को शुरू हो गया, मस्जिद की प्रबंध समिति के अध्यक्ष मुहम्मद लतीफ ने बताया कि वक्फ बोर्ड की इजाजत मिलने के बाद ये कदम उठाया गया है। लतीफ ने बताया कि पुलिस की कड़ी सुरक्षा के बीच मस्जिद की छत को हटाने के साथ ही अवैध निर्माण को गिराने का काम शुरू हो गया। निगम आयुक्त (एमसी) अदालत का पांच अक्टूबर का आदेश मिलने के बाद इसकी जानकारी वक्फ बोर्ड को दे दी गई।
एमसी अदालत के आदेश में वक्फ बोर्ड और संजौली मस्जिद समिति के अध्यक्ष को पांच मंजिला विवादित ढांचे की तीन मंजिलों को हटाने का निर्देश दिया गया था। एमसी अदालत के आदेश के मुताबिक वक्फ बोर्ड और मस्जिद समिति के अध्यक्ष को दो महीने में मस्जिद के अवैध हिस्से को अपने खर्च पर गिराना होगा।
लतीफ उस प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थे, जिसने 12 सितंबर को मस्जिद की अवैध मंजिलों को गिराने का ज्ञापन सौंपा था। इससे एक दिन पहले संजौली इलाके में मस्जिद के अवैध निर्माण को गिराने की मांग को लेकर हुए विरोध प्रदर्शन में 10 लोग घायल हो गए थे। इसको लेकर सीएम सुक्खू ने कहा कि “मस्जिद के सदस्यों ने कहा था कि अगर कुछ भी अवैध होगा तो वे इसे ध्वस्त कर देंगे। मस्जिद के अध्यक्ष, इमाम ने खुद ये कहा है इसलिए सरकार इसमें शामिल नहीं होगी।”
मस्जिद प्रबंध समिति अध्यक्ष मुहम्मद लतीफ ने बताया कि “पर जाने के लिए तो हम किसी आदमी को मना नहीं कर सकते, हर आदमी का अपना अधिकार है, कोई जाए न जाए उसको लेकर नहीं कह सकते। हमारा जो स्टैंड था हम उस पर कायम हैं। हमें इजाजत दे दी, हम जल्द ही काम शुरू करेंगे। मेन तो फंडिंग की प्रॉब्लम है, पैसा तो न सरकार देगी, न पब्लिक। हम तो अपनी जेब से ही खर्चा कर रहे हैं।”
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि “मस्जिद के सदस्यों ने कहा था कि अगर कुछ भी अवैध होगा तो वे इसे ध्वस्त कर देंगे। मस्जिद के अध्यक्ष, इमाम ने खुद ये कहा है इसलिए सरकार इसमें शामिल नहीं होगी।”
लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि “नगर निगम आयुक्त की अदालत के फैसले का पालन करना और स्वेच्छा से अवैध हिस्सों को गिराना मस्जिद समिति की ओर से एक अच्छा संकेत है। हिमाचल प्रदेश एक शांतिप्रिय राज्य है और यहां अच्छा माहौल होना चाहिए, लोगों को भाईचारे की भावना से रहना चाहिए। हमारा मुख्य उद्देश्य है कि राज्य की अर्थव्यवस्था बढ़े क्योंकि पर्यटन राज्य के राजस्व का सबसे बड़ा स्रोत है।”