Ratan Tata: रतन टाटा के निधन पर मुकेश अंबानी, गौतम अदाणी ने जताया शोक

Ratan Tata: भारत की प्रमुख हस्तियों ने दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा के निधन पर शोक व्यक्त किया, रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी ने रतन टाटा को भारत के सबसे प्रतिष्ठित और दयालु शख्सियतों में से एक बताया।

टाटा समूह के मानद चेयरमैन और दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा का देर रात मुंबई के एक अस्पताल में निधन हो गया। देश में नमक से लेकर सॉफ्टवेयर तक टाटा ग्रुप को नई ऊंचाइयों पर ले जाने वाले रतन टाटा ने 86 साल की उम्र में आखिरी सांस ली।

उद्योगपति मुकेश अंबानी के अलावा अरबपति गौतम अदाणी और ऑटो सेक्टर के दिग्गज आनंद महिंद्रा ने भी टाटा के निधन पर शोक व्यक्त किया। अंबानी ने अपने शोक संदेश में कहा, “ये भारत और इंडिया इंक के लिए बहुत दुखद दिन है। रतन टाटा का निधन न केवल टाटा समूह के लिए बल्कि हर भारतीय के लिए एक बड़ी क्षति है। व्यक्तिगत स्तर पर रतन टाटा के निधन ने मुझे बहुत दुःख हुआ है क्योंकि मैंने एक प्रिय मित्र खो दिया है।”

रतन टाटा के साथ अपनी कई बातचीत को याद करते हुए अंबानी ने कहा कि रतन टाटा एक दूरदर्शी उद्योगपति और परोपकारी व्यक्ति थे, जो हमेशा समाज की बेहतरी के लिए कोशिश करते थे। अंबानी ने एक बयान में कहा कि “उनके साथ बातचीत से उनके चरित्र की महानता और उनके द्वारा अपनाए गए बेहतरीन मानवीय मूल्यों के प्रति मेरा सम्मान बढ़ा।”

उन्होंने कहा, “श्री रतन टाटा के निधन के साथ भारत ने अपने सबसे शानदार और दयालु बेटों में से एक को खो दिया है,  टाटा भारत को दुनिया भर में ले गए और दुनिया का सर्वश्रेष्ठ भारत में लाए। उन्होंने टाटा हाउस को संस्थागत बनाया और 1991 में उनके चेयरमैन बनने के बाद से अंतरराष्ट्रीय उद्यम ने टाटा समूह को 70 गुना से अधिक बार बढ़ाया है। रतन, आप हमेशा मेरे दिल में रहेंगे।”

वहीं उद्योगपति अदाणी ने कहा कि भारत ने एक दिग्गज, दूरदर्शी शख्स को खो दिया है जिसने आधुनिक भारत के रास्ते को फिर से परिभाषित किया”। उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “रतन टाटा सिर्फ बिजनेस लीडर नहीं थे। उन्होंने अखंडता, करुणा और लोगों की भलाई के प्रति अटूट प्रतिबद्धता के साथ भारत की भावना को मूर्त रूप दिया। उनके जैसे दिग्गज कभी नहीं मिटते। ओम शांति।”

आनंद महिंद्रा ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था एक ऐतिहासिक छलांग के शिखर पर खड़ी है और हमारे इस पोजिशन पर बने रहने में टाटा के जीवन और उनके काम का बहुत योगदान है। उन्होंने कहा, “इसलिए, इस समय उनकी सलाह और अमूल्य मार्गदर्शन की जरूरत थी। उनके चले जाने के बाद हम बस उनके किए कार्यों को फॉलो कर सकते हैं क्योंकि वो एक ऐसे व्यवसायी थे जिनके लिए वित्तीय धन और सफलता तब सबसे ज्यादा फायदेमंद होते थे, जब उसे वैश्विक समुदाय की सेवा में लगाया जाता था। अलविदा और गॉडस्पीड, मिस्टर टी। आपको भुलाया नहीं जाएगा क्योंकि लीजेंड कभी नहीं मरते।”

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