Ratan Tata: गूगल के भारतवंशी सीईओ सुंदर पिचाई सहित उद्योग जगत की तमाम शख्सियतों ने रतन टाटा के निधन पर शोक व्यक्त किया और कहा कि अनुभवी उद्योगपति भारत को और बेहतर बनाने के बारे में हमेशा सोचा करते थे।
पिचाई ने एक्स पर किए पोस्ट में कहा, “वो असाधारण उद्योग और परोपकारी विरासत छोड़ गए हैं और भारत में मॉर्डन बिजनेस की सलाह देने और उसे डेवलप करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्हें भारत को बेहतर बनाने की गहरी चिंता थी।” पिचाई ने याद किया कि रतन टाटा के साथ उनकी आखिरी मुलाकात गूगल के दफ्तर में हुई थी, जहां उन्होंने सेल्फ-ड्राइविंग कार वेमो की प्रगति के बारे में बात की थी।
महिंद्रा समूह के अध्यक्ष आनंद महिंद्रा ने कहा कि टाटा की सलाह और मार्गदर्शन इस समय बेहद कीमती होगा, जब भारत की अर्थव्यवस्था ऐतिहासिक छलांग के शिखर पर है। महिंद्रा ने एक्स पर लिखा, “उनके चले जाने के बाद, हम बस उनके किए कामों को फॉलो करने की कोशिश कर सकते हैं क्योंकि वो ऐसे बिजनेसमैन थे, जिनके लिए कैपिटल और सक्सेस सबसे अधिक उपयोगी था, जब उन्होंने इसे ग्लोबल कम्युनिटी की सेवा में लगाया गया था।”
उन्होंने कहा कि रतन टाटा को कभी नहीं भुलाया जा सकता है क्योंकि “किंवदंतियाँ कभी नहीं मरतीं”। 86 साल के रतन टाटा ने मुंबई के एक अस्पताल में अंतिम सांस ली। उन्हें इस हफ्ते की शुरुआत में अस्पताल में भर्ती कराया गया था।