Agra: आगरा में बढ़ी मां दुर्गा की इको-फ्रेंडली मूर्तियों की मांग

Agra: नवरात्र और दुर्गा पूजा से पहले उत्तर प्रदेश के आगरा में इको-फ्रेंडली मूर्तियों की मांग बढ़ गई है, त्योहारों के सीजन में कोलकाता से आने वाले कई कारीगरों का कहना है कि पर्यावरण संरक्षण के प्रति बढ़ती जागरूकता की वजह से लोगों में मिट्टी या दूसरे सामान से बनी इको-फ्रेंडली मूर्तियों की मांग पहले से काफी ज्यादा बढ़ गई है।

कारीगर बताते हैं कि इन मूर्तियों की सुंदरता इस बात पर निर्भर करती है कि इसको बनाने के किस तरह के सामान का इस्तेमाल किया गया है। साथ ही इको-फ्रेंडली कलर का भी इस्तेमाल किया गया है।

नौ दिन तक चलने वाले नवरात्र के त्योहार पर दुर्गा मां के नौ अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है। जबकि दुर्गा पूजा नौ अक्टूबर से मनाई जाएगी।

कारीगर सुजीत दास ने बताया कि “कोई पॉल्यूशन नहीं होता है। पहले पीओपी और सीमेंट से मूर्ति बनती थी। उसके बाद गवर्नमेंट मूर्ति पर रोक लगाती थी। वातावरण को प्रॉब्लम होती थी। इसलिए हम लोग मिट्टी का बनाता हैं। हम लोग कोलकाता से यहां आकर यहां मूर्ति बनाते हैं।

कारीगरों का कहना है कि “मिट्टी की मूर्तियां बनाते हैं। ये खासियत ऐसा है कि एनवायरनमेंट में पॉल्यूशन नहीं होता है। एनवायरनमेंट में पॉल्यूशन कुछ भी नहीं होता है, क्योंकि जब पानी में जाता है तो 15 मिनट के बात घुल जाता है। न कोई पॉल्यूशन होता है, कलर भी डालते हैं तो वो कलर भी पानी वाला कलर होता है।”

 

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