Jammu: कुपवाड़ा के लोग चाहते हैं अच्छा इन्फ्रास्ट्रक्चर, शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएं

Jammu: जम्मू-कश्मीर में एक अक्टूबर को तीसरे राउंड की वोटिंग होनी है, इसके लिए कुपवाड़ा जिला प्रशासन तैयारियों में जुटा है। इलाके के लोग भी बेसब्री से वोटिंग का इंतजार कर रहे हैं, यहां के लोगों ने कहा कि युवाओं की मानसिकता अब बदल चुकी है। उनका मानना ​​है कि अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए विधानसभा चुनावों में हिस्सा जरूरी है।

उन्हें इस बात की आशंका भी है कि केंद्र शासित प्रदेश में विधानसभा उतनी मजबूत नहीं होगी, जितनी कि जम्मू कश्मीर के पूर्ण राज्य होने पर थी, कुपवाड़ा के लोगों को उम्मीद है कि ये चुनाव सुधार और विकास लाएंगे।

कुपवाड़ा के वोटर यासिर ने कहा कि “मुझे लगता है कि विधानसभा में उतनी पावर नहीं बची है, जितनी जम्मू कश्मीर के पूर्ण राज्य होने पर थी। अब ये केंद्र शासित प्रदेश है। हमारे मुख्य मुद्दे विकास हैं, चाहे वो बुनियादी ढांचा हो, स्कूल हो, शिक्षा हो या स्वास्थ्य हो। हम चाहते हैं कि आम जनता की बुनियादी सुविधाओं पर ध्यान दिया जाए।”

एक और वोटर शेख जमशेद ने कहा कि “कश्मीर घाटी में हमारी अपनी कोई सरकार नहीं थी, जो हमारी समस्याओं का समाधान करती। हमारे जमीनी स्तर के मुद्दों का हल करती। इसलिए हमें इसकी वजह से बहुत नुकसान उठाना पड़ा है। इन 10 सालों में हमने बहुत कुछ झेला है, चाहे वो शिक्षा के क्षेत्र में हो या ग्राउंड लेवल के दूसरे मुद्दे। अगर यहां की कोई सरकार होती तो हम अपने मुद्दे उनके पास ले जाते और वे उसे हल करते। अब जब चुनाव हो रहे हैं तो हम बुनियादी ढांचे और विकास के लिए अपना वोट देंगे।”

इसके साथ ही स्थानीय लोगों का कहना है कि “वोट करने से पहले आप एसेंबली इलेक्शन हैं तो एसेंबली इलेक्शन में आप देखें उतना पावर है नहीं हमारी एसेंबली में अभी, जितना आप देख सकते थे पहले, जब ये जम्मू कश्मीर एक स्टेट था। अब यूनियन टेरेटरी बन गई है तो हमारा बस यही रहेगा, डेवलपमेंट हो, रोड के बारे में बात करें हमारी, हमारे स्कूल की बात करें, हमारे एजुकेशन की बात करें, हमारे हेल्थ सेक्टर की बात हो, तो यही हमारी जो बेसिक सुविधाएं जो हैं हमारी, जो आम नागरिक की बेसिक सुविधाएं हैं उन पर बात हो।”

“कश्मीर में, कश्मीर वैली में यहां पर हमारी लोकल गवर्नमेंट ही नहीं थी, जो हमारे वास्तविक मुद्दे सुनते, जो हमारे ग्राउंड लेवल के मुद्दे हल करते, तो उस हवाले से हमने बहुत सफर किया। 10 साल हमने बहुत ज्यादा सफर किया। चाहे एजुकेशन के हवाले से या कोई और जो ग्राउंड लेवल इश्यू होते थे, वो हम अगर हमारी लोकल गवर्नमेंट होती तो हम उसके पास वो इश्यू लेकर जाते, वो इश्यू का हल निकालते, मगर बदकिश्मती की बात है कि 10 साल यहां इलेक्शन नहीं हुए। अब होने जा रहे हैं, ये स्वागत योग्य कदम है। हम अपना वोट कास्ट करेंगे। हर एक अपना वोट कास्ट करेगा। यही दिमाग रखते हैं कि हम इन्फ्रास्ट्रक्चर को वोट देंगे, डेवलपमेंट को वोट देंगे।”

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