Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश के विदिशा में बेतवा नदी के किनारे मुक्ति धाम श्मशान घाट के अहाते पर एक ‘क्रो पार्क’ बनाया है। यहां लोग कौवों को खाना खिलाने आते हैं, पितृ पक्ष में कौवों को खाना खिलाने की काफी अहमियत है।उन्हें पूर्वजों के सम्मान में खाना खिलाया जाता है, लेकिन क्रो पार्क में ये सिलसिला पूरी साल चलता है। सुबह की सैर के समय यहां खास तौर से कौवों को खाना खिलाने वालों की भीड़ दिखती है।
हिंदू मान्यता के मुताबिक कौवों को पूर्वजों की आत्मा से जोड़ा जाता है। माना जाता है कि कौवों को खाना खिलाने से पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है, विदिशा के मुक्ति धाम में क्रो पार्क को पूर्वजों की आत्मा को शांति देने और जिंदगी के बाद उनके सफर में मदद देने का जरिया माना जाता है।
विदिशा मुक्ति धाम के पुजारी का कहना है कि “इस अवसर पर जब, कौवों की बहुत कमी हो गई है पर्यावरण में। ऐसे में पूरे शहर में लोग कौवा ढूंढने के लिए निकलते हैं तो काक उद्यान में आते हैं और अपने पितरों के नाम से भोजन कराते हैं और पितृपक्ष में कौवों का अत्यधिक महत्व है क्योंकि उनको भोजन कराने से पितरों का सर्वश्रेष्ठ श्रेणी प्राप्त है। ऐसे में जब ये स्थिति यहां पर है तो निश्चित ही भूरी-भूरी प्रशंसा के योग्य है और लोग अपने पितरों को प्रसन्न करने के लिए कौवों को भोजन कराने के लिए यहां मुक्ति धाम में आते हैं।”
“निश्चित है कि ये काग उद्यान एक बहुत बड़ी उपलब्धी है विदिशा के लिए कहा जाएगा और मैं तो साफ कहता हूं कि मुक्ति धाम के परिसर में बनाया है। मैं तो साफ कहता हूं कि कहीं ऑनलाइन और सोशल मीडिया पर जाकर देखेंगे तो कहीं भी आप सर्च करेंगे तो कहीं भी क्रो पार्क नहीं मिलेगा। ये अनूठा काग उद्यान विदिशा में निर्मित है। अभी तर्पण का बहुत पवित्र समय चल रहा है, लोग अपने पूर्वजों की याद में लोग आहार कराते हैं, बाकायदा पूजा-अर्चना के बाद कराते हैं। ऐसा माना गया है और मैं कहूं तो धार्मिक रूप से ऐसा माना भी गया है अगर पूर्वज सीधा भोजन करते हैं तो काग उसका प्रतीक माना गया है।”