Prayagraj: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में अगले साल होने वाला महाकुंभ 2025, अधिकारियों के लिए बड़ी चुनौती है, अनुमान है कि 2019 के मुकाबले इस बार श्रद्धालुओं की संख्या दोगुनी हो सकती है। इसे देखते हुए बुनियादी ढांचे से लेकर सुरक्षा तक सब कुछ दोगुनी की जा रही है, घाटों पर लोगों की भीड़ को संभालने के साथ ही किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए एनडीआरएफ की टीमों की संख्या बढ़ाई जा रही है।
जिला प्रशासन ने बैठक के बाद करीब 20 एनडीआरएफ टीमों को तैनात करने का फैसला लिया है। महाकुंभ मेले के लिए पूरे देश से एनडीआरएफ की टीमों को बुलाया जाएगा। वाटर इमरजेंसी और सीएसआर इमरजेंसी (गिरे हुए ढांचे में खोज और बचाव) के लिए एनडीआरएफ की स्पेशल टीम होगी, साथ ही एक सीवीआरएन टीम भी होगी।
सभी स्नान घाटों पर एनडीआरएफ की टीमें विशेष गोताखोरों, लाइफ जैकेट और लाइफ ब्वाय के साथ तैनात की जाएंगी। इसके साथ ही, अंडर वाटर सर्च के लिए लाइव रिमोट ब्वाय और सुनार सिस्टम का भी इस्तेमाल किया जाएगा।
एनडीआरएफ इंस्पेक्टर अनिल कुमार ने कहा कि “अभी तक जो प्रशासन के साथ हमारी बैठक हो रही है, उसमें लगभग 20 टीमों की संभावना है तैनात करने की, जिसमें वाटर इमरजेंसी और किसी भी प्रकार की सीएसआर अगर इमरजेंसी होती है, सीएसआर मतलब कोलेप्स स्ट्रक्चर सर्च एंड रेस्क्यू होता है, किसी प्रकार की कोई बिल्डिंग जो है कोलेप्स हो जाती है, तो अगर उस तरह की कोई इमरजेंसी हुई मेले के दौरान, तो उसके लिए हमारी स्पेशल टीम हो जाती है। साथ-साथ अगर कोई सीआरएन इमरजेंसी हो जाती है किसी भी प्रकार की बायोलॉजिकल, रेडियोलॉजिकल, न्यूक्लियर इस तरह की कोई अगर घटनाएं होती हैं तो उसके लिए हमारी सीआरएन टीम तैनात रहेगी। साथ-साथ वाटर इमरजेंसी रहेगी। वाटर इमरजेंसी में जो भी घाट बनेंगे स्नान के लिए वहां पर एनडीआरएफ की टीम अपनी बोट, स्पेशल गोताखोर, लाइफ जैकेट, लाइफ ब्वाय लेकर वहां तैनात रहेगी।”