New Delhi: राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने एमयूडीए भूमि आवंटन मामले में कर्नाटक के सीएम सिद्दारमैया के खिलाफ जांच के लिए राज्यपाल थावरचंद गहलोत की मंजूरी को सही नहीं ठहराया।
गौरतलब है कि कर्नाटक हाई कोर्ट ने सीएम के खिलाफ जांच के लिए राज्यपाल की मंजूरी को बरकरार रखा है। सिब्बल ने कहा कि कैबिनेट फैसला नहीं ले सकती क्योंकि यह सीएम का मामला है, लेकिन कब, कैसे और कौन सी प्रक्रिया अपनानी है, ये न तो संविधान में लिखा है और न ही कोर्ट में।”
राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने कहा कि “कॉन्स्टिट्यूशन में तो कहीं नहीं लिखा ना कि गवर्नर सेंक्शन दे सकता है। ये तो कॉन्स्टिट्यूशन में नहीं लिखा, प्रॉसिक्यूशन का कब दे सकता है, कैसे दे सकता है, तो ये मामला अदालतों ने तय किया है। सुप्रीम कोर्ट ने ये कहा है कि अगर चीफ मिनिस्टर के ऊपर कोई आरोप होगा तो उसकी सेंक्शनिंग अथॉरिटी केवल गवर्नर हो सकती है, क्योंकि कैबिनेट तो अनुमति नहीं दे सकती, क्योंकि कैबिनेट तो चीफ मिनिस्टर के आधीन है, तो इसलिए ये एक सुप्रीम कोर्ट का फैसला है।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कई फैसले हाई कोर्ट के भी हैं कि अनुमति गवर्नर दे सकता है, लेकिन कब दे सकता है, कैसे दे सकता है, क्या प्रोसिजर अडॉप्ट करना पड़ेगा। ये तो संविधान नहीं बताता, ना कोई कोर्ट बताती है। अब कानून कहता है कि उनके अप्रूवल के बिना कोई जांच नहीं हो सकती है। उनके अप्रूवल बिना कोई आगे नहीं बढ़ सकता। कॉग्निजंस नहीं हो सकती।”