Delhi: इंडिया वाटर वीक के तहत जल शक्ति मंत्रालय ने भारत मंडपम में लगवाई प्रदर्शनी

Delhi:  केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय ने इंडिया वाटर वीक के आठवें एडिशन में प्रदर्शनी लगवाई है, यह प्रदर्शनी दिल्ली के भारत मंडपम में लगी हुई है। इसमें शैक्षणिक संस्थानों और सेंटरों के साथ-साथ कई देशों की शानदार तकनीकों का प्रदर्शन किया गया है।

प्रदर्शनी में भाग लेने वाले देश-विदेश के जल संसाधन विशेषज्ञों को अपनी तकनीक और काम करने के तरीकों को प्रदर्शित करने का अच्छा मंच मिला है। इससे उन्हें और मजबूत नेटवर्क बनने की भी उम्मीद है।

ये प्रदर्शनी कई ग्रुपों के लिए संभावित कॉमर्शियल पार्टनर ढूंढने और काम करने के इलाकों का पता लगाने के लिए अच्छा मौका भी साबित हो रही है, 17 सितंबर से शुरू हुई ये प्रदर्शनी 20 सितंबर तक चलेगी।

निदेशक ब्लूवर्स सिद्धार्थ बापना ने कहा कि “जहां पर भारत में करीबन 350 मिलियन व्हीकल्स हैं, जो कुल मिलाकर तीन बिलियन क्यूबिक मीटर ग्राउंड वाटर कंज्यूम करती हैं हर साल तो हम अपनी मशीनों के तहत 98 प्रतिशत पानी रिसाइकिल, रीयूज करते हैं जो व्हीकल वांशिग इंडस्ट्री में यूज होती है और हम मशीने बेचते नहीं हम अपने ही पैसों पर मशीनों को लगाते हैं और हर वॉश के बेसिस पर प्राइज पर वॉश के बेसिस में सर्विस सेंटर और ओईएम्स को चार्ज करते हैं।”

इसके साथ ही वैज्ञानिक केंद्रीय मृदा व सामग्री अनुसंधान केंद्र समीर व्यास ने कहा कि “इसमें हम लोग जो भी हमारे देश के सिंचाई और हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर प्रोजेक्ट हैं उनसे संबंधित जितने भी इन्वेस्टिगेशन हैं कंस्ट्रक्शन मटेरियल संबंधित वो हम करते हैं। हमने दो मॉडल यहां पर प्रदर्शित किए हैं। एक ये जीओ टेक्निकल इंवेस्टिगेशन है, जितने भी भू तकनीकी सर्वे और सर्वेक्षण होते हैं शुरुआती उसमें किस तरीके से जो चट्टाने हैं, रॉक स्ट्रक्चर है उनकी टेस्टिंग की जाती है, ताकि वो कितनी स्ट्रेंग्थ, मजबूती उस पर झेल पाएगी उससे संबंधित इन-सेतू यानि यथास्थल परिक्षण और प्रयोगशाला में जो सैंपल आते हैं उससे हम प्रयोग करके उसकी स्थायित्व की जांच करते हैं।”

वही डेनमार्क के व्यापार और वित्तीय मामलों के मंत्री मोटेन बोडस्कोव ने बताया कि “कई सालों से डेनमार्क और भारत के बीच मजबूत पॉइंट्स थे। इस साल हम कोलेबरेशन के 75वें साल का जश्न मना रहे हैं, इसलिए डेन और भारतीय बिजनेस के बीच मजबूत संबंध हैं और हमने सहयोग को औपचारिक रूप दिया है कई मायनों में।”

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