Maharashtra: नवी मुंबई का अग्रोली गांव अपनी अनूठी ‘एक गांव, एक गणपति’ परंपरा के 64 साल पूरे होने का जश्न मना रहा है, ये एक ऐसा उत्सव है जो सांप्रदायिक सद्भाव और एकता को दिखाता करता है।आर्थिक बाधाओं और घरों की सीमित संख्या से शुरू हुई ये परंपरा एक भव्य वार्षिक उत्सव के रूप में विकसित हुई है। आयोजकों ने कहा कि शुरुआत में ग्रामीणों को वित्तीय बाधाओं का सामना करना पड़ा और अक्सर समारोहों के लिए धन उधार लेना पड़ता था।
समय के साथ एक सामूहिक योगदान का मॉडल उभरा, जिसमें अब हर एक परिवार दो हजार रुपये का योगदान देता है। जिससे महोत्सव का विस्तार हुआ और इसे सफलता मिली।
ठाणे के सांसद नरेश म्हस्के ने शिवसेना नेता विजय नाहटा के साथ गणेश पंडाल का दौरा किया और उत्सव को एकता और भक्ति का एक उदाहरण बताया। इस उत्सव में अब लगभग 150 घर और अलग अलग प्रोजेक्टों से प्रभावित लोग भी शामिल हैं, और ये ग्रामीणों के लिए एकजुट होने और उत्साह के साथ जश्न मनाने का एक महत्वपूर्ण मौका है।
संजय पाटिल, आयोजन समिति के सचिव “बराबर आज से 64 साल पहले एक डिसीजन हमारे पूर्वजों ने ले लिया था कि पूरे गांव का एक गणपति बसाएंगे। हमारे बड़े बुजुर्ग कॉमरेड भाऊ सखाराम पाटिल ने ये पूरा प्रपोजल रखा गांव के सामने, पहले क्या होता था कि हर घर में एक गणपति आता था, ये गणपति फेस्टिवल घर का फेस्टिवल बनकर के पूरा गांव का एक गणपति फेस्टिवल चालू करना ये बहुत बड़ी बात थी 64 साल पहले उस टाइम में, क्योंकि भगवान का जो फेस्टिवल मेरे घर में होता है, उसको बंद करके एक ही गांव का एक गणपति फेस्टिवल करने का ये बहुत बड़ा निर्णय था। वो बड़ा निर्णय हमारे पूर्वजों ने लिया उसका हमें बहुत अभिमान है।”