Swachh Bharat Abhiyan: केंद्र सरकार ने 17 सितंबर से दो अक्टूबर तक स्वच्छता अभियान चलाने का फैसला लिया है, स्वच्छता ही सेवा’ टाइटल से शुरू किए गए इस अभियान की थीम फोर एस यानी ‘स्वभाव स्वच्छता, संस्कार स्वच्छता’ पर आधारित है। यह कैंपेन दो अक्टूबर 2014 को शुरू हुए स्वच्छ भारत अभियान के 10 साल पूरे होने का जश्न मनाएगा।
केंद्र सरकार के मुताबिक, इस कैंपेन का मकसद इस दौरान देश भर में दो लाख चैलेंजिंग और गंदी जगहों को बेहतर तरीके से साफ बनाना है। केंद्र सरकार ने 10 साल पहले स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत की थी, इसका मकसद लोगों के बर्ताव में बदलाव लाने को बढ़ावा देना, स्वच्छता को रोजमर्रा की आदतों में शामिल करना और स्वच्छ और स्वस्थ माहौल बनाए रखने में जन भागीदारी को बढ़ावा देना था।
इस साल स्वच्छता अभियान के दौरान कई मंत्री और सीनियर अधिकारी पूरे देश में अलग-अलग कार्यक्रमों की योजना बना रहे हैं, यह कैंपेन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जन्मदिन के मौके पर शुरू किया गया और इसका समापन गांधी जयंती पर होगा।
मनोहर लाल, केंद्रीय आवास और शहरी विकास मंत्री “स्च्छता ही सेवा इस नाम से एक पखवाड़ा ही बनाना चाहिए। जो दो अक्टूबर को समाप्त हो। दो अक्टूबर को उसका कल्मिनेशन हो गांधीजी की जयंती पर उसको हम याद करें उस विषय को और आउटकम ओरिएंटेड में सबसे पहले ये तय किया है कि पोर्टल के माध्यम से जो ऐसे स्थान जहां लगातार कूड़े के ढ़ेर पड़े रहते हैं। छोटा-मोटा कूड़ा इकट्ठा होता रहता है, लोग आते रहते हैं, जाते रहते हैं, उसमें शिकायते भी होती है, उसको लोग देखते भी है, मीडिया भी छापता है, सब करते हैं, लेकिन सफाई करने के बाद कुछ दिनों में वैसा ही सब हो जाता है, ऐसे स्थान चिन्हित करके उन्हें सही किया जाए।”
सी. आर. पाटिल, केंद्रीय जल शक्ति मंत्री “समय ने बता दिया कि आदरणीय प्रधानमंत्री जी ने जो कहा था स्वच्छता ही सेवा है उसी के कारण, स्वच्छता के कारण डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के मुताबिक तीन लाख लोगों को डायरिया से जीवनदान मिला है। उनका जीवन बचा पाए हैं। पांच साल के अंदर तीन लाख बच्चे जो डायरिया से मर सकते थे उनको बचाना ही बहुत बड़ी सेवा है।”