CM Yogi: सीएम योगी आदित्यनाथ ने रिस्ट बैंड का खोला राज

CM Yogi: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के चौथे स्थापना दिवस समारोह में रिस्ट बैंड बांधने का राज खोलते हुए बताया कि सीनियर डॉक्टर मरीज को देखकर ही उनकी तकलीफ को बता देते हैं। उन्होंने अपना अनुभव साझा करते हुए कहा कि मैं लंबे समय से कलाई की समस्या से परेशान था। इसके लिए मैं रिस्ट बैंड बांधता था, लेकिन हफ्तेभर पहले एक डॉक्टर ने इसे सिर्फ आधे मिनट में ठीक कर दिया। मैं काफी आश्चर्य चकित भी हुआ क्योंकि बड़े-बड़े संस्थान के डॉक्टर भी उसे ठीक नहीं कर सके। आज आप देख रहे हैं कि मैंने कोई रिस्ट बैंड नहीं पहना है, सीएम ने कहा कि कभी कभी हमें ट्रेडिशनल मेडिसिन पर भी विश्वास करना चाहिए।

मुख्यमंत्री योगी ने वरिष्ठ डॉक्टर्स की तारीफ करते हुए कहा कि वह मरीज को देखकर ही तकलीफ बता दे देते हैं, वह मरीज की समस्या समझकर दवा देते हैं और उनकी दवा की एक खुराक से ही मरीज का दर्द दूर हो जाता है। सीएम योगी ने अपना अनुभव बताते हुए कहा कि आपने लंबे समय से मेरी कलाई पर रिस्ट बैंड देखा होगा। इसको लेकर अक्सर लोग सवाल भी करते थे।

सीएम ने बताया कि मेरी कलाई में कई साल पहले समस्या थी। मैं इससे काफी परेशान था, मैंने दो साल पहले एक संस्थान में जाकर ऑपरेशन कराया। उसके बाद फिर से यह समस्या खड़ी हो गई। मैं हफ्ते भर पहले गोरखपुर गया था, वहां एक डॉक्टर मुझसे मिलने आए। उन्होंने मुझसे कहा कि सर, यह पट्टी आपके हाथ में अच्छी नहीं लगती। आप कहिए तो इसे मैं देखूं। उन्होंने अपनी जेब में एक इंजेक्शन लिया हुआ था। उसे देखकर मैंने उन्हें साफ कह दिया कि मैं इंजेक्शन नहीं लगाऊंगा। इस पर वह हंसे और उन्होंने कहा कि सर, मैं आपके हाथ को ठीक कर सकता हूं। अगर आप कहें तो मैं इसका ट्रीटमेंट शुरू करूं। फिर मैंने उनसे पूछा कि कितना खर्चा लगेगा तो उन्होंने कहा कि मैं बस आपके साथ एक सेल्फी लूंगा। फिर उन्होंने मेरा ट्रीटमेंट किया और मात्र आधे मिनट में मेरा हाथ ठीक हो गया, कभी कभी हमें ट्रेडिशनल मेडिसिन पर भी विश्वास करना चाहिए।

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि मरीज को अपने डॉक्टर पर विश्वास रखना चाहिये, अगर वह उनपर विश्वास नहीं करेंगे तो वह जल्दी ठीक भी नहीं हो पाएंगे। अनुभवी डॉक्टर सिर्फ एक बार मरीज को देखकर ही पहचान जाते हैं कि मरीज को आखिर क्या समस्या है। उसके लक्षण सुनकर यह बता देते हैं कि उसे क्या बीमारी है। उस हिसाब से मरीज का ट्रीटमेंट शुरू करते हैं। उन्हें किसी जांच की आवश्यकता नहीं पड़ती है इसलिए जरूरी है कि डॉक्टरों को जितना हो सके उतना अनुभव ग्रहण करें, किसी भी क्षेत्र में अगर आगे बढ़ाना है तो अनुभव होना बहुत जरूरी है। डॉक्टरों को प्रेरित करते हुए उन्होंने कहा कि सकारात्मक ऊर्जा के साथ उन्हें अपने विषय पर काम करना चाहिए। अनुभव ग्रहण करना चाहिए और वहीं मरीजों को अपने चिकित्सक के ऊपर विश्वास होना चाहिए कि वह चिकित्सक जो इलाज करेगा वह बेहतरीन करेगा।

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