Amritsar: पंजाब के सरकारी अस्पतालों के डॉक्टर अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर चले गए जिससे ओपीडी सेवा पर असर पड़ा। ड़ॉक्टरों की मांग है कि उन्हें वक्त पर प्रमोशन दी जाए और काम के दौरान सुरक्षा मुहैया कराई जाए। हड़ताली डॉक्टरों का कहना है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वे अपना प्रदर्शन और तेज़ करेंगे, उन्होंने शुरूआत में रोजाना तीन घंटे तक काम बंद रखने का ऐलान किया।
हालांकि हड़ताल का अभी तक इमरजेंसी सेवा पर असर नहीं पडा है। लेकिन प्रदर्शनकारी डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने उनकी मांगें नहीं मानी तो वो पूरा काम बंद कर देंगे। सिविल अस्पताल के एसएमओ डॉ. स्वर्णजीत धवन ने बताया कि “हमारी दो मुख्य मांगें हैं। हमारी मेन मांग सुनिश्चित करियर, प्रगति चार, नौ और 14 है। जब कोई नया डॉक्टर सेवा में शामिल होता है तो वो इस भरोसे पर ऐसा करता है कि उसे चार साल की सेवा के बाद पहला ग्रेड मिलेगा। फिर नौ साल की सेवा के बाद और फिर 14 साल की सेवा के बाद, लेकिन पिछली सरकार ने कुछ समय के लिए चार, नौ, 14 वाला सिस्टम बंद कर दिया था। हमारी महिला डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ, पैरा मेडिकल स्टाफ चौबीसों घंटे काम करते हैं, लेकिन उनकी सिक्योरिटी ही नहीं है। आप उनसे कैसे काम करने की उम्मीद करते हैं? इसलिए सुरक्षा और करियर में तरक्की वास्तविक मुद्दे हैं।”
इसके साथ ही पीसीएमएस के सचिव डॉ. मधुर पोद्दार ने कहा कि “यह प्रोटेस्ट हमने फेजेज में रखा हुआ है। पहले तीन स्ट्राइक थी अब फुल डे स्ट्राइक कर दी गई है, जैसे स्टेट बॉडी कहेगी इसको और बढ़ाया जाएगा। सारे मेडिको लीगल, पुलिस वर्क है वो बंद रखा जाएगा। उसके बाद इमरजेंसी बंद की जाएंगी, एक बार हम नहीं चाहते कि इमरजेंसी बंद करने की नौबत आए, क्योंकि उससे लोगों को नुकसान बढ़ेगा।”