Air quality: राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम या एनसीएपी के तहत एयर क्वालिटी में सुधार के लिए 10 लाख से ज्यादा आबादी वाले शहरों में मध्य प्रदेश के जबलपुर को दूसरी रैंक मिली है, केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने जयपुर में आयोजित स्वच्छ वायु सर्वेक्षण 2024 के दौरान “नेशनल क्लीन एयर सिटी” अवॉर्ड दिए।
नगर निगम कमिश्नर प्रीति यादव ने कहा कि “नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम के तहत जबलपुर शहर को देश में दूसरा स्थान प्राप्त हुआ है व अपने प्रदेश में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है। एनसीएपी जो प्रोग्राम है नेशनल क्लीन एयर इसमें एयर की क्वालिटी चेक की जाती है, जिसमें सीपीसी भी अन्य एजेंसियों के द्वारा यह चैक किया जाता है उसके बेसिस पर जो हमें मार्क्स मिले हैं वो 200 में से 193 मार्क्स प्राप्त हुए हैं। हमारी एयर क्वालिटी के जो गुड डे हैं वो बहुत ज्यादा इंप्रूव है। 27 परसेंट के करीब-करीब इंप्रूवमेंट पिछले साल से इस साल देखा गया है जोकि एक बड़ी उपलब्धि है।”
जबलपुर मेयर जगत बहादुर सिंह ने कहा कि “साफ हवा जिसको हम एयर क्वालिटी इंडेक्स की बात करते हैं। जो आबोहवा है शहर की, इसमें जबलपुर शहर को 135 शहरों में से छह शहरों में चुना गया है। देश के जो हम एयर क्वालिटी है, उसमें अव्वल जो शहर हैं, उसमे से जबलपुर है। हमको 100 में 100 मार्क्स मिले हैं। छह करोड़ से ज्यादा की राशि का इंसेंटिव मिला है। आने वाले वर्ष के लिए 100 प्रतिशत राशि हमको एयर मेंटेन करने के लिए अब दी जाएंगी। ये सुनिश्चित हो गया है। चाहे वो 25 करोड़ हो या 35 करोड़ हो।”
शहर में ग्रीन बेल्ट को बढ़ाने के लिए 25 नए गार्डन बनाए गए हैं। इसके अलावा कुछ सड़कों के किनारों को ग्रीन एरिया के रूप में भी विकसित किया गया है। कंस्ट्रक्शन साइट को ग्रीन मैट से ढका गया है। रजत भार्गव, निवासी “देखिए हमारे लिए बहुत गर्व की बात है कि आज जबलपुर में, पूरे भारत में क्लीन एयर के मामले पर दूसरा स्थान प्राप्त करा। कहीं ना कहीं हमारे जबलपुर के वासी हम लोग ईश्वर का आर्शीर्वाद प्राप्त है। शायद हम जबलपुर में निवास करते हैं। इसके कई कारण है, जबलपुर प्राकृतिक तौर पर पर्यावरण की दृष्टि से काफी धनी हैं। यहां मां नर्मदा जी का किनारा है, जबलपुर के आस-पास इतनी हरियाली है, जबलपुर के बीच में इतने बड़े -बड़े हजार-हजार एकड़ के जंगल है। जिसमें प्राकृतिक वन डेवल्प होता है और कहीं ना कहीं वो हमारे लिए क्लीन एयर देने का काम करता है।”
पॉल्यूशन को 2024 तक करीब 30 फीसदी तक कम करने के लिए 2019 में नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम (एनसीएपी) शुरू किया गया था। इसके लिए 2017 को बेस ईयर चुना गया था। अब 2026 तक पॉल्यूशन 40 फीसदी कम करने का मकसद है।