Chandigarh: चंडीगढ़ में ओला और उबर जैसे कैब एग्रीगेटर प्लेटफॉर्म के लिए काम करने वाले टैक्सी ड्राइवर किराया बढ़ाने की मांग कर रहे हैं, अपनी मांग के लिए आज हड़ताल पर हैं। ड्राइवरों का कहना है कि ईंधन की लागत बढ़ गई है। दूसरी ओर किराया कम होने की वजह से उनकी आमदनी कम हो गई है, काफी समय से किराया नहीं बढ़ाया गया है।
हड़ताली कैब ड्राइवरों ने राज्यपाल के घर तक शांतिपूर्ण मार्च की योजना बनाई है, उनसे इस मामले में दखल देने की अपील की जाएगी। ड्राइवर निजी नंबर प्लेट वाली बाइक टैक्सियों पर रोक लगाने की भी मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि बिना लाइसेंस वाली टैक्सियों से उनके कारोबार को नुकसान पहुंच रहा है।
चंडीगढ़ कैब ट्राइसिटी यूनियन के अध्यक्ष अमनदीप ने कहा कि “मांगें सर हमारी एक साल पहले की हैं। हमारी मांगे बेसिक सी है कि हमारा एक रेट तय होना चाहिए हर एक कैब पर निर्धारित इससे कम नहीं होना चाहिए। यहां पर अपने कंपटीशन के चक्कर में जो भी वह फेयर एंड का जो डिस्काउंट देती है, उसका नतीजा हमें भुगतना पड़ता है क्योंकि गाड़ी उनकी नहीं है। टैक्सी भी उनका नहीं है गाड़ी भी उनका नहीं है। गाड़ी की किस्त भी हमारी है सारे खर्चें हमारे हैं। 2019 से पहले ओला उबर की खुद की गाडियां अपनी होती थी। तब रेट 28 रुपये प्रति किलोमीटर था, उस टाइम सीएनजी 30 रुपये थी। अब सीएनजी जो है वो 90 रुपये हो चुकी है, तीन गुना बढ़ गई, हमारे रेट छह गुना कम हो गए।”
इसके साथ ही कहा कि “हम राज्यपाल महोदय से अपील कर रहे हैं, हम इस शहर के निवासी हैं, हम पढ़े-लिखे लोग हैं, हम कोई भी ऐसा काम नहीं कर रहे हैं जो कानून से बाहर है। कानून के दायरे में जो हमारी डिमांड्स जो हमारे राइट्स हैं। वो मांग रहे हैं वो आप एक ऑर्डर के जरिए यहां पर आकर तीन बजे से पहले इन ड्राइवरों को बताएं कि आप क्या एक्शन लेगें उस पर क्या कार्रवाई होगी। उस पर क्या लिख कर आप ऑर्डर जारी कर रहे हो। अगर नहीं कर रहे तो हमें मजबूर होके हड़ताल पर जाने को मजबूर कर रहे हैं। हमारा कोई शोक नहीं है। हमारी मजबूरी है। हमारा पेट नहीं पल रहा, हमारे बच्चें नहीं पल रहे। हमारी गाड़ी की किस्त नहीं निकल रही। हमारी गाड़ी की चाबियां हमारी गाडियां सारी राज्यपाल महोदय को पकड़ानी है।”