Delhi: वित्त मंत्रालय ने 500 करोड़ रुपये से ज्यादा के खर्च के मामले में नियमों में ढील दी है। इस पहल का मकसद कैपिटल एक्सपेंडिचर में तेजी लाना है, चालू वित्त वर्ष में कैपिटल एक्सपेंडिचर में 1.11 लाख करोड़ रुपये तय किया गया है। इससे सरकारी खर्च को बढ़ावा मिलेगा, आम चुनावों की वजह से कुछ महीनों तक पूंजीगत कम रहा था।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने 2024-25 के बजट में पूंजीगत व्यय अनुमान को 11.1 प्रतिशत बढ़ाकर रिकॉर्ड 11.11 लाख करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव रखा है।
मंत्रालय ने दो सितंबर, 2024 को एक ऑफिशियल रिलीज में कहा कि बजट के प्रस्तावों के इंप्लीमेंटेशन में ऑपेरेशनल फ्लेक्सिबिलिटी देने के लिए, चालू वित्त वर्ष में खर्च के लिए 500 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि जारी करने के नियमों में ढील देने का फैसला लिया गया है।
इसमें कहा गया है कि दी गई छूट सभी मंत्रालयों और विभागों के नियमों के कड़ाई से अनुपालन के अधीन है।
मंत्रालय के मुताबिक सभी योजना व्यय और गैर-योजना व्यय मंत्रालयों की तरफ से तैयार एकल नोडल एजेंसी (एसएनए)/केंद्रीय नोडल एजेंसी (सीएनए) और मासिक व्यय योजना (एमईपी) तथा तिमाही व्यय योजना (क्यूईपी) सीमा के दिशानिर्देशों के अनुरूप होने चाहिए।