Jammu: जम्मू तवी स्टेशन के पास रेलवे यार्ड में किसी भी इमरजेंसी हालात से निपटने के लिए मॉक ड्रिल की गई, इसका मकसद अलग-अलग एजेंसियों के बीच के तालमेल को जांचना था। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और स्टेट रेलवे पुलिस की टीमों के साथ इसमें रेलवे की टीमों ने भी शिरकत की।
एनडीआरएफ अधिकारियों ने इमरजेंसी में तुरंत एक्शन लेने और पब्लिक सिक्योरिटी के लिए लगातार ऐसे ही मॉक ड्रिल करने पर जोर दिया। मॉक ड्रिल के दौरान अलग-अलग लाइफ सेफ्टी टेक्निक्स दिखाई गई। जिनका इस्तेमाल आम तौर पर मेजर एक्सीडेंट से लोगों को बचाने के दौरान किया जाता है, हाल में हुए रेल हादसों को ध्यान में रखते हुए इस मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया।
डिवीजन रीजनल मैनेजर राजीव सिंह स्लारिया ने कहा कि “आज जम्मू यार्ड में रेलवे और एनडीआरएफ की जॉइंटली हम लोगों ने एक मॉक ड्रिल किया, जिसमें कि स्टाफ का अलर्टनेस चेक करने के लिए, उसके लिए एक्सीडेंट क्रिएट किया गया एक पेसेंजर ट्रेन का और कितनी जल्दी हम रिस्पॉन्ड कर रहे हैं। रेलवे और एनडीआरएफ की टीमें कितनी जल्दी रिस्पॉन्ड देंगी, वो सारा ड्रिल की फॉर्म में हमने इनको चेक किया।”
एनडीआरएफ की 13वीं बटालियन के असिस्टेंट कमांडेंट ने कहा कि “इस तरह की ड्रिल्स बहुत जरूरी होती हैं, ताकि रियल टाइम सिनेरियो में जब कोई एक्सीडेंट हो जाता है, तो सारी सिस्टर एजेंसियां कॉर्डिनेट होकर काम कर सकें और अफेक्टिड एरिया को जल्दी से जल्दी रिलीफ दे सकें, यही इस एक्सरसाइज का ऐम था।”