Haridwar: सोमवती अमावस्या पर स्नान के लिए पवित्र नदियों के घाटों पर श्रद्धालुओं का तांता

Haridwar: सोमवती अमावस्या के मौके पर प्रयागराज और हरिद्वार के घाटों पर लाखों श्रद्धालु पवित्र स्नान कर रहे हैं और पूर्वजों को श्रद्धांजलि दे रहे हैं। हरिद्वार के पुजारी ने बताया कि अमावस्या के बाद नया चंद्र कैलेंडर शुरू होता है, अमावस्या की रात चंद्रमा दिखाई नहीं देता। इस बार सोमवार को अमावस्या है, इसे सोमवती अमावस्या कहा जाता है, यह दिन काफी पवित्र माना जाता है, सोमवती अमावस्या पर कई श्रद्धालु व्रत भी रखते हैं। वह अपने परिवार की खुशहाली और समृद्धि के लिए प्रार्थना करते हैं, इस दिन भगवान शिव और पवित्र नदियों की खास तौर पर पूजा की जाती है, माना जाता है कि दोनों मोक्ष देते हैं।

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि “आज सोमवती अमावस्या है और खासतौर पर ये भादों के महीने में पड़ गई है… भादों की अमावस्या और माघ महीने की अमावस्या एक ही है, और यदि यह सोमवार को हो तो और भी सोने पर सुहागा है। जो लोग इस समय प्रयागराज में पवित्र स्नान करते हैं, और अपने पितरों का पिंडदान करते हैं, अपने पूर्वजों के लिए कुछ दान पुण्य करते हैं, उन्हें भगवान से अनगिनत आशीर्वाद प्राप्त होते हैं।”

श्रद्धालुओं के लिए सोमवती अमावस्या खास है, उनका मानना ​​है कि इस दिन अच्छे काम करने, पूर्वजों के लिए पूजा करने और पवित्र नदियों में डुबकी लगाने से मोक्ष मिलता है। “आज का महत्व है कि सोमवार और अमावस्या, दोनों हैं तो सोमवारी अमावस्या है, भोलेनाथ की विशेष कृपा होती है। पितरों को भी शांति मिलती है, अपने- अपने लोक में जहां हैं। सबके पितरों को शांति मिलती है। जो-जो नहाता है और पिंडदान करता हैं अच्छा होता है। सुबह से भीड़ है तीन बजे से।”

वही श्रद्धालुओं का कहना है कि बड़ा ही हर्षोल्लास का दिन है आज। गंगा मैया के इस पावन त्योहार पर हम लोग यहां उपस्थित हुए हैं और गंगा मैया से मोक्ष के लिए सभी से कामना करते है कि गंगा मैया पूरे सब परिवार,समाज, सबकी रक्षा करें और सबको अपने आयाम पर आगे बढ़ाए। यही गंगा मैया से प्रार्थना करता हूं, कोशिश होती है हर अमावस्या को और जो सावन महीने का कावड़ यात्रा होती है, उसमें आएं और भगवान शंकर का गंगा मैया का आशीर्वाद प्राप्त करें। आज अमावस्या का दिन है सोमवार। सोमवती अमावस्या जिसको बोलते हैं और ये भगवान शंकर का हमारे जो पितर हैं, उनके लिए होता है। आप आओ और गंगा स्नान करके दान पुण्य करके अपने पितरों को अपने जो पूर्वज हैं उनको दान देके जो यहां पर लोग हैं, गरीब आदमी हैं, उनको दान दें और अपने पूर्वज की सेवा करें।

पुजारी महेंद्र ने बताया कि “भीड़ काफी है,कम से कम लाखों व्यक्ति स्नान करके जा चुके हैं अभी तक और देर रात्रि से ही स्नान होता चला आ रहा है। एक मिनट के लिए बंद नहीं हुआ है। लोग स्नान करते गए जाते गए, कई गाड़ियां आई हैं। आपके एमपी से भी आई हैं और भी क्षेत्रों से आई है। अयोध्या से भी आई हैं साउथ से भी अभी आएंगी, आज सोमवती अमावस्या का महापर्व है, जोकि बहुत ही पुन्यदायक एवं फलदायक है। आज के दिन प्रात: काल से आप देख सकते हैं कि हजारों की संख्या में श्रद्धालु गंगा जी के तट पर आ करके आस्था की डुबकी लगाते हुए, अपने पूर्वजों को याद करते हुए, तर्पण, पिंडदान एवं आज अपने पितरों को आव्हान करके पूजन कर रहे हैं। आज के दिन पितरों को प्रसन्न करने का सबसे अति उत्तम उपाय है। आज के दिन पिंडदान, तर्पण करने से स्वर्गलोक की प्राप्ति होती है। ऐसा हमारा वेद पुराण में वर्णन है।

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