Goa: नागरिकता (संशोधन) अधिनियम के तहत 78 साल के पाकिस्तानी ईसाई को भारतीय नागरिकता मिली, गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने राज्य के पहले पाकिस्तानी ईसाई को नागरिकता का प्रमाण पत्र सौंपा। जोसेफ फ्रांसिस परेरा गोवा की आजादी से पहले पढ़ाई के लिए गोवा से पाकिस्तान गए थे और बाद में वहीं नौकरी करने लगे, पाकिस्तानी नागरिकता हासिल होने के बाद वे कराची में रह रहे थे, लेकिन 2013 में वो भारत लौट आए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि परेरा की शादी गोवा की एक महिला से हुई थी, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की तरफ से नागरिकता अधिनियम, 1955 में संशोधन किए जाने से पहले तक उन्हें भारतीय नागरिकता हासिल करने के लिए काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा।
मुख्यमंत्री ने राज्य के पर्यटन मंत्री रोहन खाउंटे की मौजूदगी में परेरा को प्रमाण पत्र दिया, सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार साल 1946 में जन्मे परेरा ने गोवा की मारिया से शादी की थी। मूल रूप से दक्षिण गोवा के परोदा गांव के रहने वाले परेरा अब अपने परिवार के साथ उसी जिले के कनसोलिम में रहते हैं।
मुख्यमंत्री सावंत ने कहा कि परेरा यह प्रमाण पत्र पाने वाले पहले गोवावासी हैं, लेकिन देश भर में कई लोगों को सीएए का फायदा मिला है, उन्होंने कहा कि ऐसे कई गोवावासी हैं, जिन्हें सीएए के तहत इसी तरह नागरिकता दी जा सकती है, सावंत ने कहा कि गोवा के गृह विभाग ने ऐसे लोगों का सर्वेक्षण शुरू कर दिया है, उन्होंने कहा कि “अगर कोई प्रमाण पत्र के लिए पात्र है, तो वे सरकार से संपर्क कर सकते हैं।”
मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने कहा कि “सीएए लाए जाने के बाद, जोसेफ फ्रांसिस परेरा ने नागरिकता के लिए आवेदन किया था। मैं पीएम मोदी और अमित शाह को धन्यवाद देना चाहता हूं। सरकार ने सीएए लाने के बाद एलिजिबल लोगों को नागरिकता देना शुरू कर दिया। गोवा में केवल जोसेफ फ्रांसिस परेरा ने सीएए के लिए आवेदन किया था। आज हमने उन्हें नागरिकता सौंपी। ये मेरे लिए गर्व का पल है कि मैंने जोसेफ फ्रांसिस परेरा को नागरिकता प्रमाण पत्र सौंपा, जो पिछले 60-70 सालों से नागरिकता पाने का इंतजार कर रहे थे।”