Prayagraj: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज का मशहूर ‘इलाहाबादी अमरूद’ अपने आकार, बनावट और स्वाद के लिए जाना जाता है, हॉर्टिकल्चर डिपार्टमेंट इस मौसमी फल की क्वालिटी और प्रोडक्शन को और बेहतर बनाने के लिए काम कर रहा है।
हॉर्टिकल्चर डिपार्टमेंट अमरूद के स्वाद और बनावट को बनाए रखने के लिए किसानों को इसकी पैकेजिंग तकनीक की भी ट्रेनिंग दे रहा है। प्रयागराज में उगाए जाने वाले अमरूद की खेती पर, पिछले कुछ सालों में मौसम में आए बदलाव और कीटों की वजह से काफी असर पड़ा है, यही वजह है कि हॉर्टिकल्चर डिपार्टमेंट सुधार की दिशा में काम कर रहा है।
डिस्ट्रिक्ट हॉर्टिकल्चर एक्सपर्ट वी. के. सिंह ने कहा कि “जिस तरह से कुंभ विश्व विख्यात है उसी तरह से प्रयागराज का अमरूद भी बहुत ही विश्व विख्यात है और इसको अच्छी गुणवत्ता का तैयार करने के लिए हम लोग काफी किसानों को सीधे संपर्क करके उनको ट्रेंड कर रहे हैं। अमरूद में जो कीड़ा लगता है जिसे फल मक्खी बोलते हैं उसके नियंत्रण के लिए अभी से तैयारियां शुरू की दी गई हैं। आप देख रहे हैं कि इसमें हमने फेरोमोन ट्रैप लगा रखा है जो इसका नर कीड़ा होता है वो इसमें आकर टैप हो जाता है तो फिर ये देखिए वो इससे बाहर निकल नहीं सकता है। जिससे कि फीमेल के साथ उसका मिलन नहीं होता और फिर वो अंडे फल के अंदर नहीं दे पाएगी।”
उन्होंने कहा कि “बैगिंग का भी कार्यक्रम हम लोग करेंगे जिससे कि किसानों को जैसे किसानों के यहां फल थोड़े से बड़े होते हैं उनकी बैगिंग कैसे कर दी जाए। इससे उनकी शाइनिंग अच्छी बनी रहे और उपभोक्ता जो उसको, विदेश के या बाहर के दूसरे प्रदेशों के लोग जब यहां पर आते हैं वो उसको खाते हैं, देखते हैं तो बहुत अच्छा फील करते हैं तो निश्चित रूप से हम लोग प्रयास कर रहे हैं कि जो यहां की विश्व विख्यात अमरूद की धरोहर है, उसको हम सामान्य रुप से आम जनमानस तक बहुत व्यापक रुप से पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं।”